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बढ़ गई हैं बुजुर्गों की आर्थिक मुश्किलें - जयंतीलाल भंडारी

दुनिया में 60 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों की संख्या 84.10 करोड़ है, जबकि भारत में ऐसी बुजुर्ग आबादी नौ करोड़ के करीब है। भारत में साल 2015 में यह आबादी 12 करोड़ के आस-पास पहुंचने का अनुमान है। जाहिर है, बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उनके लिए कहीं कुछ नहीं हो रहा। संयुक्त राष्ट्र की बुजुर्गों से संबंधित एक ताजा रिपोर्ट में कहा...

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आरटीआइ से पंचायतें मांगें अधिकार

मित्रो,                                                                                                                                                                              आप पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि हैं. जनता ने आपको इसलिए चुना कि आप पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर उनकी बुनियादी समस्याओं को दूर करने के लिए योजनाएं बनाएं, उनका कार्यान्वयन करें और उन पर नियंत्रण रखें. संविधान के 73वें संशोधन ने आपको वही ताकत दी है, जो अपने क्षेत्र में विधायकों और सांसदों को मिला हुआ है. निचले स्तर पर आप पंचायत सरकार हैं. पंचायत सरकारें सत्ता के लोकतांत्रिक ढांचे की...

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हेराफेरी पर कस रही आरटीआइ की नकेल

सूचना का अधिकार कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई व अपने अधिकारों को पाने का माध्यम बन गया है. झारखंड के गांवों में बड़ी संख्या में लोग आरटीआइ का प्रयोग कर रहे हैं. आरटीआइ के जरिये भ्रष्टाचार का खुलासा करने या अपने अधिकारों को पाने वाले लोगों से प्रेरित होकर दूसरे लोग भी आरटीआइ का उपयोग कर रहे हैं. इस बार की आमुख कथा में पंचायतनामा ने आरटीआइ के ऐसे ही किस्सों...

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गए गुरुजी काम से- राहुल कोटियाल

गया वह ज़माना जब शिक्षक पढ़ाया करते थे. अब उन्हें छत्तीस सरकारी कामों के लिए नौकरी पर रखा जाता है. राहुल कोटियाल की रिपोर्ट. 'वर्तमान शिक्षा-पद्धति रास्ते में पड़ी हुई कुतिया है, जिसे कोई भी लात मार सकता है.’ यह टिप्पणी प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल ने अपने सबसे चर्चित उपन्यास 'राग दरबारी' में की थी. यह उपन्यास आज से लगभग पचास साल पहले लिखा गया था. यह वह दौर था जब...

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यौन हिंसा की जड़ें- रुचिरा गुप्ता

जनसत्ता 4 सितंबर, 2013 : कुछ दिन पहले जब मैंने मुंबई में एक तेईस वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ बलात्कार की घटना के बारे में पढ़ा, तो कुछ पुरानी घटनाएं सामने घूमने लगीं। यानी फिर से वही सब! करीब उनतीस साल की उम्र में छह दिसंबर, 1992 को जब मैं एक रिपोर्टर की हैसियत से उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना की खबर जुटा रही थी तो मुझ...

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