उत्तराखंड को खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री दिवाकर भट्ट के मुताबिक गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) वालों के लिए केंद्र से की जाने वाले खाद्यान्न की आपूर्ति में 77 फीसदी की कटौती हो गई है और इस वजह से राज्य में गेहूं और चावल की कमी पैदा हो गई...
More »SEARCH RESULT
तरीका बदल बचाया 90 अरब लीटर पानी
सीकर. जिले के एक लाख किसानों ने जल संकट के दर्द को समझते हुए अपने सिंचाई के तरीके को बदल लिया है। इससे एक महीने में करीब 90 अरब लीटर पानी की बचत हो रही है। सिंचाई का तरीका बदलने के लिए आगे आ रहे किसानों को कृषि विभाग अनुदान भी दे रहा है। कृषि विभाग के अनुसार, जिलेभर में करीब ढाई लाख किसान हैं। इनमें से करीब एक लाख किसान फसलों की फव्वारा, बूंद-बूंद...
More »किसानों को प्रशिक्षित करने पर होगा 100 करोड़ व्यय
पटना राज्य में कृषि स्नातकों व वेटनेरी डाक्टर बेरोजगार नहीं रहेंगे। कृषि मंत्रालय ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) के कार्यक्रमों पर होने वाले व्यय का 90 प्रतिशत वित्तीय भार वहन करने की सहमति प्रदान की है। इसके तहत पंचायत स्तर पर दो कृषि वैज्ञानिक, प्रखण्ड स्तर पर तकनीकी प्रबंधक, राज्य स्तर पर एक परियेाजना निदेशक व दो उपनिदेशकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए केन्द्र से राशि मिलेगी। कृषि विभाग के अनुसार आत्मा की योजना...
More »किसानों को प्रशिक्षित करने पर होगा 100 करोड़ व्यय
पटना राज्य में कृषि स्नातकों व वेटनेरी डाक्टर बेरोजगार नहीं रहेंगे। कृषि मंत्रालय ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) के कार्यक्रमों पर होने वाले व्यय का 90 प्रतिशत वित्तीय भार वहन करने की सहमति प्रदान की है। इसके तहत पंचायत स्तर पर दो कृषि वैज्ञानिक, प्रखण्ड स्तर पर तकनीकी प्रबंधक, राज्य स्तर पर एक परियेाजना निदेशक व दो उपनिदेशकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए केन्द्र से राशि मिलेगी। कृषि विभाग के अनुसार आत्मा की योजना...
More »किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
More »