नई दिल्ली. गांवों में रहने वाले सबसे ज्यादा गरीब लोग हर रोज औसतन 17 रुपए खर्च करते हैं। वहीं शहरों में सबसे गरीब 23 रुपए के खर्च पर दिन निकालते हैं। यह आंकड़े नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) ने गुरुवार को जारी किए हैं। नए आंकड़ों के अनुसार, सबसे कम खर्च करने वाली पांच फीसदी आबादी का प्रतिव्यक्ति मासिक खर्च गांवों में 521.44 रुपए है। जबकि शहरों में 700.50...
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ऐसे तो 25 साल लगेंगे आमदनी दोगुनी होने में
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। देश की आर्थिक विकास दर ही पिछले एक दशक के तलहटी पर नहीं पहुंची है, बल्कि इसके साथ आम जनता की कमाई पर भी गहरी चपत लगी है। सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की विकास दर के हिसाब से देखें तो वर्ष 2012-13 के दौरान प्रति व्यक्ति आय में महज तीन फीसद की वृद्धि हुई है। जबकि इसके पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 4.7 फीसद थी। इस...
More »अर्थशास्त्र की ऊंची मीनार से कुपोषण मिटाने की यह कवायद....
भारतीयों को विवाद-प्रिय माना जाता है और हमारी यह विवादप्रियता एक बार फिर से उठान पर है ! गरीबी-रेखा और गरीबों की तादाद के बारे में लंबे समय तक वाक्युद्ध में उलझे रहने के बाद, प्रसिद्ध अनिवासी भारतीय(एनआरआई) अर्थशास्त्रियों ने एक बार फिर से विवाद छेड़ा है कि भारत में कुपोषण का विस्तार कितना है। पहले योजना आयोग ने गरीबों की संख्या को कागजी तौर पर घटाने की कोशिश की...
More »मासूम गिरोहों की दिल्ली- प्रियंका दुबे
समाज व व्यवस्था की उदासीनता और वयस्क अपराधियों की सक्रियता की वजह से दिल्ली में बच्चों के कई आपराधिक गिरोह पनप रहे हैं. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. गर्मियों की एक दोपहर. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन. नई-दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है. यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर उतारने के बाद खाली हो चुकी ट्रेन धुलाई-सफाई के लिए रेलवे स्टेशन के पीछे बने यार्ड की तरफ बढ़ रही है. अचानक एक कोच...
More »खाद्य-सुरक्षा बिल: संसद में नाकाम रही सरकार ला सकती है अध्यादेश
नई दिल्ली। संसद में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित कराने में नाकाम रहने के बाद मनमोहन सरकार ने बुधवार को संकेत दिए कि वह इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए अध्यादेश ला सकती है। ज्ञात रहे,खाद्य सुरक्षा विधेयक सोमवार को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया गया था, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण इसे पारित नहीं किया जा सका। इसमें 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी...
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