नारायणपुर (ब्यूरो)। मजदूरी कर अपना गुजारा चलाने वाली जिला मुख्यालय की 18 महिलाएं अब बेल मेटल की कलाकृतियां बनाना सीख रही हैं। वे नहीं चाहती हैं कि जीवनभर वे मजदूरी ही करें। दिन में डेढ़ से दो सौ रूपए रोजी कमाने वाली ये महिलाएं अब पांच सौ से हजार रुपए तक कमा लेंगी। राज्य शासन के उपक्रम छग हस्तशिल्प विकास बोर्ड के स्थानीय शिल्पग्राम सेवाग्राम इंटरनेशनल में कौशल विकास के तहत...
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विदेश से ज्यादा देश में ही है काला धन- मोहन गुरुस्वामी
काला धन, दरअसल, हर वह आय है, जिस पर राज्य को किसी तरह का कर (टैक्स) नहीं दिया जाये. यह आय वैध तरीकों से हो सकती है या फिर अवैध तरीकों से, जैसे स्मगलिंग, भ्रष्टाचार और ड्रग्स के जरिये. सालाना कितना काला धन पैदा होता है, इसका आंकड़ा हर साल अलग-अलग होता है. हालांकि, एक बहुप्रसारित, पर कथित तौर पर गोपनीय अध्ययन (जो नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक फायनांस एंड पॉलिसी...
More »नर्मदा को प्रदूषण से बचाने का पहला प्रयोग सफल
जबलपुर। नर्मदा को प्रदूषण से बचाना इतना मुश्किल नहीं, जितना हम सोच रहे। जरा सी मेहनत ने बीते कुछ माह में नर्मदा को प्रदूषण से बचाने वाले नतीजे सामने ला दिए। खंदारी नाले पर तैयार साधारण से दिखने वाले फिल्टर प्लांट (इनसिटू ट्रीटमेंट प्लांट) ने वो कर दिखाया, जिसके बारे में हम सोच नहीं सकते। फिल्टर प्लांट लगने के बाद प्रदूषण बोर्ड के वैज्ञानिकों को नर्मदा के पानी में प्रदूषण की...
More »सुरक्षित प्रसव : महतारी एक्सप्रेस में भी गूंज रही हैं किलकारियां
योगेंद्र ठाकुर, जगदलपुर। सुरक्षित और संस्थागत प्रसव कराने वाली महतारी एक्सप्रेस में भी किलकारियां गूंज रहीं हैं। पिछले डेढ़ माह में संभाग में 70 से अधिक महिलाओं का प्रसव एंबुलेंस में हुआ। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने सहित मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने में महतारी एंबुलेस सेवा बस्तर में कारगर साबित हो रही है। संभाग में पिछले माह एंबुलेंस ने दो हजार से अधिक माता व शिशुओं को हॉस्पिटल पहुंचाया है। इस दौरान 70 से...
More »गंगा योजना बनाम विकास नीति - कृष्णदत्त पालीवाल
महाकवि कालिदास की एक प्रसिद्ध उक्ति ध्यान में आती रहती है कि संदेह के अवसरों पर अंत:करण की आवाज को प्रमाण मानना चाहिए। ठीक बात है। लेकिन आत्म-बोध, ज्ञान-बोध दोनों के बीच संदेह झूल रहा है। यह संदेह संस्कृति रूपी चित्त की खेती को बर्बाद करने का जाल बिछा रहा है। विश्वास का अंत कर रहा है और संशय का हुदहुद सभी को ढहाए दे रहा है। भारतीय जन-मानस की...
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