-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
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अनाथ स्कूल को दी शिक्षा की छांव
बरेली [राजीव शर्मा]। न कोई टीचर और न ही शिक्षा मित्र। फिर ंभी सीबीगंज इलाके का एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय गुलजार है। रोजना ही स्कूल खुलता है। बच्चे पढ़ते हैं और खुशी-खुशी घर लौट जाते हैं। इस काम को कोई सामाजिक संगठन या सरकार अतिरिक्त टीचर लगाकर नहीं करा रही। जब कि गांव की ही एक पढ़ी-लिखी लड़की ने इस 'अनाथ' स्कूल को अपनी 'शिक्षा' की छांव दी है।...
More »चुनौती से ज्यादा उपेक्षा के मारे
छत्तीसगढ़ के जंगलों में एक हफ्ता गुजारकर लौटे बृजेश पांडे बता रहे हैं कि देश की सबसे बड़ी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैनात सीआरपीएफ के जवानों के मनोबल की हालत क्या है बारिश लगातार हो रही है. कभी हल्की तो कभी तेज बौछार के साथ. संभल-संभलकर चलते हुए हमें तीन घंटे हो गए हैं. यहां-वहां देखते हुए, दुश्मन की तलाश करते हुए. दुनिया के सबसे बड़े अर्धसैनिक बलों में...
More »बाप ने 50 हजार में बेची बेटी
रानियां (सिरसा), संवाद सहयोगी। जिले के गांव जीवन नगर निवासी एक बाप ने अपनी 12 वर्ष की बच्ची को एक 28 वर्षीय युवक को 50 हजार रुपये में बेच डाला। पुलिस ने बेटी को खरीदार को सौंपने के लिए रानियां पहुंचे बाप समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। लड़की को खरीदने वाला बाजार में भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकला। पुलिस ने बच्ची...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1
अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
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