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एक रुपये का हेरफेर, गरीबी का मजाक नहीं तो और क्या

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार ने रोजाना कमाई में महज एक रुपये बढ़ाकर एक झटके में 17 करोड़ लोगों की गरीबी दूर करने का सेहरा अपने माथे बांध तो लिया है, लेकिन पिछले दो वर्षो में महंगाई की स्थिति को देखते हुए ये आंकड़े आम जनता के साथ क्रूर मजाक सरीखे लगते हैं। सितंबर, 2011 में सरकार ने जब गांव में 26 रुपये रोजाना से ज्यादा कमाई वालों को गरीब मानने के...

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छपरा:मिड डे मिल खाकर 21 बच्चों की मौत,हंगामा,भीड़ ने 4 जीप फूंकी

छपरा / मशरक: मिड डे खाने के बाद 21 बच्चों की छपरा में हुई मौत के बाद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया है. आक्रोशित लोग सड़क पर उतर आये हैं और तोड़ फोड़ शुरू कर दी है. खबर है कि भीड ने पुलिस की चार जीप को जला दिया है. घटना में मारे गये बच्चों के परिजन भी काफी नाराज हैं. जिस आया ने बच्चों के लिए खाना बनाया था उसकी...

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भुखमरी के जनतंत्र में खाद्य-सुरक्षा- अश्विनी कुमार

खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर महीनों की दुविधा के बाद यूपीए सरकार ने आखिर अध्यादेश का रास्ता चुना. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इसे लाइफ सेवर (जीवन रक्षक) व लाइफ चेंजर (जीवन बदलनेवाला) करार दिया, जबकि विपक्षी पार्टियों और नीतिगत विश्लेषकों ने इसे लागू करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की. यह ऐतिहासिक फैसला देश के करीब 67 फीसदी लोगों को सस्ते अनाज पाने का कानूनी हक मुहैया करायेगा. इस...

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फूड बिल पर सस्पेंस बरकरार, राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं

नयी दिल्ली : सरकार ने भोजन अधिकार बिल को लेकर अध्यादेश तो जारी कर दिया है, लेकिन अभी तक इस बिल को लेकर सस्पेंस बरकरार है. पहले यह खबर आयी थी कि अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि चूंकि राष्ट्रपति कानपुर गये हुए हैं इसलिए अध्यादेश को मंजूरी नहीं मिल पायी है. राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति सचिवालय...

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पहाड़ के दुख के बीच रैम्बोगीरी

जनसत्ता 4 जुलाई, 2013: जोसेफ हैलर के प्रसिद्ध उपन्यास ‘कैच ट्वेंटी टू' में किसी नकली बीमारी का बहाना बना कर खुद को युद्धक्षेत्र भेजे जाने से मुक्त कर चुका बमवर्षक यूनिट का पादरी पाता है कि आह, भरोसेमंद तरीके से सचमुच का झूठ बोल जाना कितना सहज है! छाती ठोंक कर वह कहता है कि दरअसल निर्ममता को देशप्रेम और परउत्पीड़न को न्याय का पर्याय बताने वाले सफेद झूठों को...

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