श्रमिकों के शोषण का लंबा इतिहास रहा है। इसके विरुद्ध श्रमिकों ने समय-समय पर आवाज उठाई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रम कानून बने। मजदूर संगठित हुए, उन्हें अधिकार मिले, स्वतंत्रता मिली, सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा। इसका असर हमने भारत में भी देखा। लेकिन नई औद्योगिक नीति और उदारीकरण का दौर परवान चढ़ने के साथ ही श्रमिक फिर शोषण का शिकार हुए। उनका सामाजिक दायरा घटा, अधिकार सिकुड़ते चले गए। इसी...
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असहिष्णु होता समाज और हिंसा का उत्सव
बिहार के नालंदा में एक निजी स्कूल के निदेशक को सरेआम पीट-पीटकर मार डाला गया। देखने में, यह घटना स्थानीय लोगों के गुस्से की अभिव्यक्ति लगती है। स्कूल के दो बच्चों के गायब होने और फिर उनकी लाश मिलने के बाद लोगों का क्रोध भड़क उठा था। दो मासूमों की मौत काफी पीड़ादायक घटना है और उनकी लाश मिलने पर गुस्सा भी स्वाभाविक है, पर गुस्से में हत्या की वारदात...
More »क्या ऐसे ही होगा आर्थिक विकास-- परंजय गुहाठाकुरता
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में 10 फीसदी की आर्थिक विकास दर को मुमकिन बताया है। इसके लिए उन्होंने सरकार की ओर से हो रहे आर्थिक सुधारों, नीतिगत बदलावों, बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में धन का प्रवाह बढ़ाने पर भरोसा जताया। साथ ही, अच्छे मानसून की उम्मीद भी उन्होंने जाहिर की। मगर, सवाल यह है कि क्या यह इतना आसान होगा। यह अचानक नहीं है कि वित्त मंत्री...
More »आपातकाल से हमने क्या सीखा- नीलांजन मुखोपाध्याय
किसी भी देश में थानेदार मानसिकता वाले लोगों की बड़ी संख्या आपको मिल जाएगी। भारत में इस तरह की सोच दरअसल औपनिवेशिक मानसिकता वाले ऐसे लोगों के जरिये आई है, जिन्हें अंग्रेजों ने स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया था। स्थानीय थाने के वे दारोगा हमारे आदर्श बने, जिनके पास निरंकुश क्षमता थी और जिन्हें अपने अधीनस्थों को किसी भी किस्म की सफाई देने की जरूरत नहीं थी। गणतंत्र...
More »पश्चिम बंगाल: समाचार पत्रों की आजादी में हस्तक्षेप नहीं: हाइकोर्ट
कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर ने समाचार पत्रों की स्वतंत्रता के मामले में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. एमपीएस कंपनी के मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी को बुधवार को समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया. इस पर आपत्ति जताते हुए कुछ सरकारी अधिवक्ताओं और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रणब दत्त ने मुख्य न्यायाधीश से कुछ समाचार पत्रों...
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