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झारखंड : भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल फिर से केंद्र को भेजा

रांची : राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 पर केंद्र सरकार द्वारा उठायी गयी आपत्ति का जवाब देते हुए उसे फिर से केंद्र के पास सहमति के लिए भेज दिया है. राजभवन से बिल की कॉपी केंद्र सरकार को भेज दी गयी है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था. केंद्रीय...

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शिक्षा सुधार की बुनियाद--- जगमोहन सिंह राजपूत

पिछले दो साल से देश की नई शिक्षा नीति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके पहले शिक्षा नीति 1968, 1986 और 1992 में पुनर्निर्धारित हुई थी। बड़े परिवर्तन आवश्यक थे, और हुए भी, मगर जो अपेक्षाएं नीतिगत स्तर पर की गर्इं, वे कभी पूरी नहीं हो सकीं। धीरे-धीरे शिक्षा केवल परीक्षा-आधारित कष्टप्रद बोझ बन गई। बोर्ड परीक्षा के अंक-प्रतिशत ही एकमात्र लक्ष्य बन कर रह गए। कक्षाओं तथा स्कूलों...

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CIC का ऑर्डर- पीएम बताएं, 2014 से 2017 तक अपने साथ किन-किन को ले गए विदेश

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा में सरकारी खर्च पर उनके साथ जाने वाले लोगों की सूची देने को कहा है। पीएमओ सुरक्षा कारणों का हवाला देकर लगातार ऐसे लोगों की सूची देने से इनकार करता रहा है। लेकिन, अब मुख्‍य सूचना आयुक्‍त आरके माथुर ने सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत दाखिल अर्जी पर ऐसे लोगों की सूची सौंपने को...

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कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्नाटक खुश, मिलेगा अधिक पानी

नयी दिल्ली/बेंगलुरू : दक्षिण भारतीय राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के बीच वर्षों पुराने कावेरी जल विवाद मामले में शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने आज अपना फैसला सुनाया. उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि कर्नाटक अपने अंतरराज्यीय बिलीगुंडलु बांध से कावेरी नदी का 177.25 टीएमसीएफटी जल तमिलनाडु के लिए छोड़े. सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से कर्नाटक को 14.75 टीएमसीएफटी जल अधिक मिलेगा. यह न्यायाधिकरण द्वारा वर्ष...

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शहरीकरण के बढ़ते खतरे--- देवेंद्र जोशी

अनियोजित शहरीकरण आज किसी एक प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। आजादी के सत्तर सालों में जहां कस्बे शहर, शहर नगर और नगर महानगर बनते चले गए, वहीं गांवों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। गांव आज भी गांव ही है। वही आबोहवा, आंचलिक संस्कृति, एक-दूसरे के सुख-दुख में हिस्सा बंटाने का आत्मीय भाव, अभाव में भी संतुष्टि और इस सबसे बढ़ कर छोटी-सी घटना...

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