-आउटलुक, चीन के विपरीत भारत की सफल सरकारें बहुत कुछ पाने में सफल रही हैं। 1984 के दिल्ली दंगों और गुजरात में 2002 की सामूहिक जनसंहार से लेकर समय-समय पर सांप्रदायिक हिंसा और जम्मू-कश्मीर में दमन जैसी घटनाएं हुई। फिर भी भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कटघरे में खड़ा होने से बच गया क्योंकि इसे लोकतंत्र के रूप में देखा जाता है। इन सभी मामलों में यह माना गया कि कानून का शासन...
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हिंदी पट्टी का रक्त-चरित्र; पिछले चार दशकों में ऐसे पनपी बाहुबली संस्कृति
-आउटलुक, “हिंदी प्रदेशों और खासकर सियासी तौर पर सबसे अहम उत्तर प्रदेश के सामाजिक-राजनैतिक तानेबाने में पिरोयी गैंगस्टर और बाहुबली संस्कृति पिछले चार दशकों में राजनीति के तौर-तरीकों का नतीजा” यकीनन अपने रंग-ढंग और सामाजिक परिस्थितियों में पुराने दौर के बागी डकैतों और आज के गैंगस्टर या डॉन वगैरह का चाल, चरित्र सब कुछ एकदम अलग है। लेकिन दोनों की जुबान पर आज भी वही गर्व से फबता है, जो सबसे लोकप्रिय...
More »11 राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराए 11.5 लाख से अधिक किसानों से दाल-तिलहन की ख़रीदी नहीं हुई
-द वायर, कोविड-19 महामारी के दौरान जहां संकट से उबरने में मदद करने के लिए सरकारी खरीद की महत्ता पर जोर दिया जा रहा था, वहीं देश के 11 राज्यों में दालें एवं तिलहन की खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले 11.50 लाख से ज्यादा किसानों से खरीदी नहीं की गई है. केंद्र सरकार ने इस बार रबी-2020 सीजन में 20 राज्यों से दालें एवं तिलहन खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन...
More »हमारे सबसे नये और जरूरी कानूनों को भी हिंदी में समझ पाना इतना मुश्किल क्यों है?
-सत्याग्रह, बीते महीने की बात है. पीएम केयर्स फंड को लेकर उठ रहे तमाम सवालों की पड़ताल करते हुए हमने एक रिपोर्ट की थी. इन सवालों में से एक यह भी था कि पीएम केयर्स फंड लोक प्राधिकार यानी पब्लिक अथॉरिटी है या नहीं. असल में इस फंड से जुड़ी कई जानकारियां मुहैया कराने को लेकर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत कई आवेदन दायर किए गए थे जो खारिज हो...
More »लॉकडाउन ने हाशिए पर रह रहे लोगों को बिल्कुल साधनहीन बना दिया है
हाल ही में किया गया सर्वेक्षण COVID-19 लॉकडाउन की घोषणा के लगभग 45 दिनों के बाद श्रमिकों की अनिश्चित स्थितियों का खुलासा करता है. इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और झारखंड राज्यों के 1,405 प्रवासियों से टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम से बातचीत कर अनिश्चित स्थितियों का आकलन किया गया था. ‘लेबरिंग लाइव्स: हंगर, प्रीकरिटी एंड डेसपेयर एमिड लॉकडाउन’ नामक इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के 45 दिन...
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