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जांच में दिखीं स्कूलों में कमियां

पटना सिटी: सर्वशिक्षा अभियान के बाद शिक्षा में गुणात्मक सुधार के बदलाव अमल में आ रहे हैं या नहीं.  इसी बात का जायजा लेने के लिए सोमवार को अनुमंडल पदाधिकारी त्याग राजन एसएम विद्यालयों का निरीक्षण करने पहुंचे गये. एसडीओ ने पदाधिकारियों के साथ प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में 11 विद्यालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दरम्यान नामित बच्चों के साथ गुरु जी भी अनुपस्थित पाये गये. इतना ही नहीं...

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बुरी राजनीति की महामारी के चपेट में क्यों है उत्तर प्रदेश?

अपनी चुनावी यात्र के दौरान सुप्रिया शर्मा ने महसूस किया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाता आज भी जाति, समुदाय और धर्म से अलग कुछ भी सोचने को तैयार नहीं हैं, वे भी नहीं जिनके बच्चे गंभीर रूप से बीमार हैं. जाति के प्रति उनका आग्रह बहुत कुछ कहता है. पिछले  हफ्ते जब मैंने महामारी वार्ड संख्या 12 का दौरा किया था तो वहां का माहौल दूसरे दिनों के मुकाबले बेहतर था. वहां...

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खेती-किसानी के मुद्दे गायब हैं चुनाव से- महक सिंह

चुनाव के दौरान सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और व्यक्तिवाद की बातें की जा रही हैं, पर गांव, खेती और 54 प्रतिशत जनता के मुद्दे गौण हैं। कृषि क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), पूंजी निर्माण और कृषि निर्यात लगातार घटते जा रहे हैं। 1950-51 में जीडीपी में कृषि की भागीदारी 53.1 प्रतिशत थी, जो 2012-13 में घटकर 13.7 प्रतिशत रह गई। गांव-शहर तथा किसान-गैर किसान के बीच खाई बढ़ती जा रही है।...

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धरती बचाने का आखिरी मौका हो सकता है यह- अनिल जोशी

पृथ्वी को हमारे शास्त्रों में सबसे पहले नमन किया गया है। गायत्री मंत्र भी इसी से शुरू होता है। पृथ्वी को हमेशा से भारतीय संस्कृति में पूजनीय माना गया है। सैन फ्रांसिस्को के जॉन मेक कोनेला के लिए यह जरूरत नई बात रही होगी, जब उन्होंने पृथ्वी को नमन करने के लिए 21 मार्च को पृथ्वी दिवस मनाने का सुझाव  1969 में यूनेस्को की बैठक में दिया था। बाद में...

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मोदी के गुजरात मॉडल का 'गड़बड़झाला'- ज्यां द्रेज

राजनीतिक गहमागहमी में देश जब मतदान-केंद्रों की तरफ बढ़ चला है तो ठोस तथ्यों और तर्कों से होने वाले जांच-परख की एक तरह से विदाई हो रही है. और इन पर हावी हो रहा है जन-संपर्क उद्योग का प्रचार-अभियान. पहला है नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर चढाया जा रहा रंग-रोगन ताकि वो लोगों की नजर में चढ़ जाए. अधिनायकवादी चरित्र और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिक्रियावादी मूल्यों में अंदर तक धंसे...

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