क्या सरकार आजीविका से वंचित होने वाले गरीबों की परेशानियों का ख्याल किए बगैर एक नया भू-अधग्रहण बिल लाने की तैयारी में है।जन-आंदोलनों और सामाजिक रुप से सक्रिय कई समूहों का आरोप है कि हरियाणा में पैसा दो-जमीन लो का जो मॉडल आजमाया जा रहा है या फिर मायावती सरकार जमीन पर कब्जे के लिए जो तरीके अख्तियार कर रही है वह भी अपनी जगह-जमीन से बगैर मुआवजा या पुनर्वास के उजड़ने वाले लोगों के...
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रास में उठा महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता का मुद्दा
नई दिल्ली। पिछले दिनों राष्ट्रीय राजधानी के कनॉट प्लेस में बेहद दुखद परिस्थिति में एक निराश्रित गर्भवती महिला के प्रसव तथा उसकी मौत का मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में उठाया गया। विभिन्न दलों के सदस्यों ने महिलाओं के प्रति समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता पर गहरी चिंता जताई और सरकार से मांग की कि ऐसे उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटना दोहराई न जा सके। ...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »अनाथ स्कूल को दी शिक्षा की छांव
बरेली [राजीव शर्मा]। न कोई टीचर और न ही शिक्षा मित्र। फिर ंभी सीबीगंज इलाके का एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय गुलजार है। रोजना ही स्कूल खुलता है। बच्चे पढ़ते हैं और खुशी-खुशी घर लौट जाते हैं। इस काम को कोई सामाजिक संगठन या सरकार अतिरिक्त टीचर लगाकर नहीं करा रही। जब कि गांव की ही एक पढ़ी-लिखी लड़की ने इस 'अनाथ' स्कूल को अपनी 'शिक्षा' की छांव दी है।...
More »बच्चों की कब्रगाह है मेलघाट-शिरीष खरे
विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...
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