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दलित बच्चों पर कहर बन रहा है फूलों की खेती का जहर: रिपोर्ट में खुलासा

-न्यूजलॉन्ड्री, भारत में एक तरफ छोटे किसान बेहतर आमदनी के लिए भले ही निर्यात होने वाले फूलों की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ इसकी बड़ी कीमत मासूम बच्चों को चुकानी पड़ रही है. तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में बड़े पैमाने पर चमेली की खेती की जाती है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करते हुए प्रतिबंधित जहरीले रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. चौंकाने वाला...

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प्रतिबंधों से बचते हुए गुजरात के किसान अपने वेश बदलकर दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर हो रहे विरोध में शामिल होने के लिए निकले

-न्यूजक्लिक, जैसा कि हम जानते हैं कि इस समय किसान केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ ख़ास तौर पर दिल्ली की सीमाओं पर देशव्यापी आंदोलन कर रहे हैं,ऐसे में गुजरात सरकार ने राज्य भर में धारा 144 लागू की हुई है और किसी भी तरह के विरोध को रोके हुआ है। गुजरात के पुलिस महानिदेशक (DGP),आशीष भाटिया ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की,जिसमें उन्होंने इस बात का ऐलान किया कि किसी भी तरह...

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सरकार ‘कमेटी’ पर सोचेगी, किसान धरना चालू रखेंगे, अदालत क्रिसमस की छुट्टी पर जा रही है

-जनपथ, सुप्रीम कोर्ट में मुख्‍य न्‍यायाधीश की बेंच के समक्ष आज दो तरह की याचिकाओं पर सुनवाई तय थी। पहली श्रेणी में वे याचिकाएं थीं जो तीन किसान कानूनों को रद्द करने के लिए लगायी गयी थीं। दूसरे किस्‍म की याचिकाएं वे थीं जो दिल्‍ली में किसानों का धरना समाप्‍त करवाने के अनुरोध से लगायी गयी थीं। कोर्ट ने किसान कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका सुनने से इनकार कर दिया...

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कोरोना और सर्दी के बीच एम्स के बाहर रात गुजारने को मजबूर मरीज

-न्यूजलॉन्ड्री,  राजधानी दिल्ली में स्थित देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में अच्छे व सस्ते इलाज की उम्मीद में देश के कोने-कोने से लोग आते हैं. यहां आम आदमी ही नहीं बल्कि नेता, मंत्री और देश की जानी मानी हस्तियां भी इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान (एम्स) को प्रमुखता देती हैं. एक आम आदमी जो प्राइवेट अस्पताल का खर्च वहन नहीं कर सकता, वह एम्स को अपनी आखिरी उम्मीद...

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किसान आंदोलन 2020 : किसान नेताओं के लिए समझौतावादी नीति विकल्प नहीं

-कारवां, कीर्ति किसान यूनियन (केकेयू) के एक प्रमुख किसान नेता निर्भय सिंह धूडिके ने 9 दिसंबर मुझसे कहा कि “हमने उनसे कहा कि अगर आप हमें मारते हैं, तो हम बहादुर कहलाएंगे और अगर लोग हमें पीटेंगे, तो हमें देशद्रोही करार दिया जाएगा.” धूडिके ने 3 दिसंबर से दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच कई मैराथन बैठकों में से एक में तीन केंद्रीय...

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