SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 853

नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क

16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...

More »

नौकरी छोड़ सरपंच बनी आरती की उड़ान

32 वर्षीया आरती ने सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमीनिस्ट्रेशन (एमबीए) करने के बाद दो सालों तक बैंकिंग सेक्टर में काम किया. प्रबंधन की पढ़ाई करने के बाद बेरहामपुर में आइडीबीआइ कंपनी में मैनेजर बनीं, लेकिन बैंकिंग सेक्टर उन्हें रास नहीं आयी. आरती वर्ष 2012 में  नौकरी छोड़ राजनीति में आ गयीं. राजनीति में आने का कारण उनका अपने पैतृक गांव के प्रति अत्यधिक लगाव था और यहां...

More »

ड्रग ट्रायल करने वाले डॉक्टरों को सिर्फ चेतावनी का 'डोज '

भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में भर्ती मरीजों की जिंदगी से खेलने वाली दवा कंपनी व डॉक्टरों को क्लीन चिट मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने बहुचर्चित ड्रग ट्रायल मामले में कंपनी व चिकित्सकों को महज चेतावनी देकर छोड़ दिया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी गई है। वर्ष 2004 से 2009 के बीच हुए 3 दवाओं के...

More »

राजनीतिक विमर्श और जन-स्वास्थ्य- नीकी नैनसी

जनसत्ता 9 मई, 2014 : सोलहवीं लोकसभा के चुनाव अपने आखिरी चरण में हैं, लेकिन अभी तक किसी पार्टी ने सामाजिक विकास को लेकर कोई ठोस बहस या तथ्य पर आधारित चर्चा करने की जरूरत नहीं समझी है। किसी भी पार्टी का घोषणापत्र उठा लें, एक बात पर सभी अपना दावा करते नजर आएंगे- आर्थिक और समेकित विकास। इन भारी-भरकम शब्दों के इस्तेमाल में आपको कोई कटौती नहीं मिलेगी, चाहे...

More »

नई ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर में- गौतम घोष

जल्दी ही हम नई सरकार चुन लेंगे और देश का अगला प्रधानमंत्री भी। धूमधाम से मतदान का लोकतांत्रिक पर्व निपट जाएगा। आजादी के 67 वर्षों बाद भी हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। यह गर्व की बात है। पर आज हमारे सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। हम देशवासियों के सामने प्रश्न खड़ा है कि सिर्फ सांविधानिक अधिकारों के प्राप्त हो जाने से ही हमारा संविधान और लोकतंत्र सफल मान लिया...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close