आज शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यावसायीकरण के चलते गरीबों का जीना दूभर होता जा रहा है। आए दिन महंगी शिक्षा का खर्च वहन न कर पाने के कारण गरीब छात्र व्यावसायिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं और हताशा में खुदकुशी कर रहे हैं। इसी तरह अस्पतालों का खर्च न उठा पाने के चलते गरीब असमय मरने को मजबूर हो रहे हैं। दुखद है कि आम लोगों को शिक्षा और...
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महंगी चिकित्सा और मरते गरीब-- भगवती प्रसाद डोभाल
आज के दौर में अलग-अलग रोगों के लिए निजी अस्पतालों की पूरे देश में बाढ़-सी आ गई, पर इनमें इलाज कितना अच्छा हो रहा है, उसकी पड़ताल आवश्यक है। यह भी देखने में आया है कि इन अस्पतालों में इलाज कराना आम जनता के बस की बात नहीं है। दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों की दिनोंदिन खस्ता होती हालत से इलाज के अभाव में गरीब जल्द ही इस दुनिया से विदा...
More »उप्र के विधायक व मंत्रियों के घर के बच्चे सरकारी स्कूल में नही पढ़ते है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधायक और मंत्री अपने बच्चों को सरकारी प्राथमिक स्कूलों में नही पढ़ाते है। मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को विधानसभा प्रश्नोत्तर काल के दौरान सूबे में बेसिक शिक्षा की बदहाली खुल कर सामने आयी। सदस्यों के सवालों से घिरी बेसिक शिक्षा मंत्री सवाल के जवाब से बचने की कोशिश में लगे रहे। सपा विधायक जोखूलाल यादव ने पूरक सवाल के रूप में मंत्री से पूछा कि प्रदेश...
More »जमीन आवंटन में नहीं हुई नियमों की अनदेखी : बियाडा
पटना। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) द्वारा कथित तौर पर जमीन आवंटन को लेकर बिहार के विपक्षी दल भले ही हंगामा कर रहे हों और इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग कर रहे हों लेकिन बियाडा के अधिकारी साफ तौर पर कहते हैं कि जमीन आवंटन में पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। बियाडा की प्रबंध निदेशक अंशुली आर्या ने बताया कि जमीन आवंटन...
More »स्टूडेंट 3.57 लाख, किताबें मात्र 2.39 लाख को
रांची. रांची जिले में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में सत्र शुरू हुए तीन माह बीत गए, बावजूद स्कूल में नियमित उपस्थित रहने वाले 30 फीसदी से ज्यादा छात्रों को किताबें नहीं मिली है। शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करे तो रांची जिले के करीब 2600 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में 3 लाख 57 हजार विद्यार्थी नामांकित है। जिसमें से 2 लाख 39 हजार 741 छात्रों को ही किताबें मिली हैं।...
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