भाषा समाज की आत्मा और मानवीय अस्तित्व को एक सूत्र में पिरोने वाला धागा है। यह चिरकाल से ही विचारों और भावों की अभिव्यक्ति का माध्यम रही है। शब्द मानवता के विश्व-दर्शन को निर्धारित करते हैं। हम शब्दों को अर्थों या उन विचारों से अलग नहीं कर सकते, जिन्हें हम दूसरों तक पहुंचाना चाहते हैं। शायद इसीलिए भारत के सुविख्यात महाकवि कालिदास ने अपनी कालजयी काव्यकृति 'रघुवंशम का आरंभ ही...
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झारखंड में ‘भुखमरी’ से मरने वाली लड़की की मां से मारपीट
झारखंड के सिमडेगा ज़िले में कथित तौर पर भुखमरी से मरने वाली लड़की की मां से मारपीट की ख़बर आ रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार रात ज़िले के करिमाती गांव में रहने वाली कोयली देवी के साथ गांव की कुछ महिलाओं ने कथित तौर पर मारपीट की. महिलाओं का आरोप था कि बेटी संतोषी कुमारी की भुखमरी से मौत का आरोप लगाकर कोयली देवी ने गांव...
More »महानंदा पर तटबंध से तबाही--- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
हाल में प्रसिद्ध विद्वान अयाची मिश्र के गांव सरिसबपाही में मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करने का मौका मिला, तो नजदीक से उनको सुना. उनका कहना था कि 'हमें प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए; प्रकृति हमें इसकी सजा देती है.' अपने शोध के सिलसिले में कटिहार के कदवा प्रखंड में महानंदा तटबंध के अंदर कुछ गांवों में घूमते हुए बाढ़ से प्रताड़ित लोगों से मिलने का मौका मिला....
More »बिहार में बाढ़ की त्रासदी--- देवेश कुमार/ निखिल आनंद
बिहार में अगस्त के मध्य में आये बाढ़ से 19 जिलों के लगभग डेढ़ करोड़ लोग प्रभावित हुए. इस बाढ़ के आने के ठीक पहले ही राज्य की महागठबंधन राजनीति में आये भूचाल के कारण सत्ता समीकरण में जो परिवर्तन हुआ, उसका हैंगओवर फिलहाल मौजूद है. पूर्व के महागठबंधन सरकार में शामिल राजनीतिक दलों की एक-दूसरे के प्रति अपने आग्रहों एवं पूर्वाग्रहों को लेकर बयानबाजी की मसरूफियत बाढ़ की त्रासदी...
More »औपनिवेशिक दंश झेलती जनजातियां-- प्रमोद मीणा
वर्ष 1871 में औपनिवेशिक भारत में ब्रिटिश सरकार ने भारत की कुछ खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश जनजातियों को आपराधिक जनजाति अधिनियम (क्रिमिनल ट्राइबल एक्ट) पारित करके जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया। मुख्यधारा के समाजों से दूर रहने वाली इन जनजातियों को पुश्तैनी रूप से अपराधी मानते हुए उन्हें गैर-जमानती अपराध के दायरे में ला दिया गया। इन जनजातीय समुदायों में थे बावरिया, पारधी, कंजर, सांसी, बंजारा, गरासिया, सहरिया आदि। ये...
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