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सिद्दीकी कप्पन केस: क्या कहता है एक साल से जेल में बंद कैब ड्राइवर आलम का परिवार

-न्यूजलॉन्ड्री, "हमारी शादी को हुए अभी पूरे दो साल भी नहीं बीते हैं, ये मेरी ज़िंदगी के बहुत खुशगवार लम्हें थे लेकिन उनके जेल जाने के बाद से ज़िंदगी बहुत मुश्किल हो गई है, हर दिन इस आस में रहती हूं कि वे अगली सुनवाई पर रिहा हो जाएंगे, लेकिन नाउम्मीद होकर घर लौट आती हूं. आलम एक ऐसी सजा भुगत रहे हैं जिसकी कोई वजह ही नहीं है" ये शब्द उत्तर...

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समर्थन मूल्य से आधे में मक्के की फसल बेचने के मजबूर मध्य प्रदेश के किसान

-डाउन टू अर्थ, “पहले बारिश ने मक्के की फसल खराब की और जो रही बची कसर थी वह मंडी ने पूरी कर दी। फसल की कटाई होने लगी है लेकिन कीमत कम मिलने की वजह से इसे मंडी ले जाने की हिम्मत नहीं हो रही,” यह कहना है मध्य प्रदेश के हरदा जिले के किसान राकेश भावसार का। “अतिवृष्टि से मक्के की फसल ने दाने काफी कम आए। साथ ही, कीड़े लगने...

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स्वास्थ्य की ‘जड़ें’ : हल्दी से तीन गुणा अधिक कमा रहा है यह किसान

-डाउन टू अर्थ, भारतीयों ने हल्दी की एंटीवायरल खूबियों के चलते वर्ष 2020 में इसका खासा सेवन किया, इसकी कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के दौरान इसे फायदेमंद बताया जा रहा था।  खाना पकाने में इस्तेमाल के अलावा, लोगों ने काढ़े के रूप में इसका जमकर सेवन किया। लॉकडाउन के दौरान बाजार में शुद्ध शाकाहारी हल्दी के लैटेस से लेकर चिया टरमरिक कुकीज और डिटॉक्स चाय जैसे कई उत्पाद बढ़ गए हैं। हालांकि, हल्दी...

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कोविड महामारी ने पहले से हाशिये पर पड़े एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय की पीड़ा को और बढ़ाया है

-द वायर, अभिजीत केरल के तिरुवनंतपुरम में बतौर रेडियो जॉकी काम कर रहे थे जब बीते वर्ष मार्च में कोविड-19 महामारी ने भारत में दस्तक दी थी, जिसने सरकार को देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के लिए प्रेरित किया था. लॉकडाउन के चलते अभिजीत अपने घर ग्रामीण पत्तनमतिट्टा जिला लौट आए, जहां उनके माता-पिता एक संयुक्त परिवार में दादा-दादी, चाचा और चचेरे भाइयों के साथ रहते हैं. होमोफोबिक रिश्तेदार और चचेरे भाई-बहनों के साथ...

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"अब शहादत की बारी मेरी है," लखीमपुर के मृतक किसान लवप्रीत सिंह के पिता

-कारवां, 5 अक्टूबर की सुबह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के चौकरा फार्म इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच एक घर के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हैं. दो दिन पहले लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में जान गंवान वाले सबसे कम उम्र के 20 वर्षीय लवप्रीत सिंह के दाह संस्कार के लिए यह भीड़ जमा हुई है. तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया के पास...

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