कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...
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न्याय पंचायत स्तर पर कृषि निवेश केंद्र
देहरादून। कैबिनेट ने आज तय किया कि सूबे की सभी न्याय पंचायतों में कृषि निवेश केंद्रों की स्थापना होगी। इसके लिए कृषि विभाग का ढांचा भी पुनर्गठित किया गया है। मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में आज सचिवालय में कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी मुख्य सचिव एनएस नपलच्याल ने दी। मुख्य सचिव ने बताया लिपिकीय त्रुटि की वजह से इफ्को पर अक्टूबर-03...
More »इसे कहते हैं पत्थर पर दूब उगाना
डोरीगंज, सारण [श्रीराम तिवारी]। अगर मन में हौसला हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। विजय किशोर चौरसिया इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। विपरीत मौसम में देसी तकनीक के सहारे मशरूम का उत्पादन कर वे किसानों के रोल माडल बन गए है। सारण के सदर प्रखंड अंतर्गत भैरोपुर निजामत गांव निवासी यह किसान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान में प्रतिदिन चार से पांच किग्रा मशरूम का उत्पादन कर रहा है। विजय की इस सफलता पर कृषि...
More »किसानों व कारपोरेट सेक्टर का गठजोड़ जरूरी
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने गांवों के विकास के लिए किसानों और कारपोरेट सेक्टर के गठजोड़ पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से कंपनियों और किसानों दोनों को लाभ होगा। वह योजना आयोग के एक समारोह में बोल रही थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल मंदी के बावजूद भारत के कम प्रभावित होने की वजह उसकी ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था रही है,...
More »धरती कहे पुकार के
ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...
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