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जमीन से जुड़े जरूरी सवाल : हर्ष मंदर

स्वतंत्रता के इतने सालों के बाद भी लाखों देशवासी और उनके संघर्ष हमारी नजरों से ओझल हैं। भूमि अधिग्रहण और विस्थापन के कारण लाखों लोगों ने अनगिनत कष्ट सहे, लेकिन उनकी तकलीफों की कहानी कभी भी पूरी तरह सामने नहीं आई। ‘विकास’ की कीमत किसानों और खेतिहर श्रमिकों की अनेक पीढ़ियों को चुकानी पड़ी है। उन्हें बलपूर्वक अपनी धरती से बेदखल करने का अर्थ है अपने सबसे निर्धन अन्न उत्पादकों को सताना, ताकि...

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मुश्किल है गरीबों की पहचान? : हर्ष मंदर

यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...

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पहाड़ी पर किया ऐसा चमत्कार कि रह गए सब देखने वाले!

धार/इंदौर।कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो जमकर उछालो यारों., इन पंक्तियों को साकार कर रहे हैं धामनोद के पास छोटे से गांव पटलावद के 43 वर्षीय किसान राम पाटीदार। जुनून भी ऐसा कि 200 बीघा में फैली कुंदा पहाड़ी पर एक लाख नीम और रतनजोत के पौधे रोप दिए हैं।   सारे पौधे खुद की नर्सरी में तैयार किए थे। पौधों को पहाड़ी पर पानी मिलता रहे इसीलिए एक लाख...

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नलकूप की स्थिति सबसे बदतर

मुजफ्फरपुर, हसं : विधानसभा की कृषि उद्योग विकास समिति की नजर में यहां नलकूप विभाग की स्थिति सबसे बदतर है। इसमें सुधार किए बिना कृषि व उद्योग के विकास की गति तेज नहीं हो सकती है। उक्त बातें समिति के सभापति गुड्डी देवी ने कही। राजकीय अतिथिशाला में आयोजित विभागों की समीक्षा बैठक के बाद वे पत्रकारों से बात कर रही थीं। उन्होंने बताया कि समीक्षा के क्रम में ये बातें...

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अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)

उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...

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