प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को भलीभांति समझते हैं कि अगर भारत को आठ से नौ फीसद की उच्च आर्थिक विकास दर अर्जित करना है तो यह केवल निर्माण क्षेत्र में सुधार के जरिए ही किया जा सकता है। आखिर गरीबी और युवाओं में बेरोजगारी की समस्याओं का निदान किए बिना कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। वर्ष 2012 के बाद से भारत की विशेष तौर पर जैसी धीमी...
More »SEARCH RESULT
रोजगारविहीन विकास की कहानी - देविन्दर शर्मा
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के लिए प्राइसवाटर हाउस नामक परामर्शी कंपनी द्वारा तैयार एक ताजा रिपोर्ट में रोजगार निर्माण के लिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत की वार्षिक विकास दर नौ फीसदी रहती है, तो देश से बेरोजगारी खत्म करने में 20 वर्ष लगेंगे। यह वास्तव में वही है, जो हमें हाई स्कूल की अर्थशास्त्र की किताबों में पढ़ाया...
More »बीस साल में 10,000 अरब डॉलर की हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: रिपोर्ट
नयी दिल्ली: पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कारपोरेट क्षेत्र के सतत प्रयासों एवं सरकार की रचनात्मक भूमिका के बल पर भारत 9 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता रखता है और 2034 तक यह 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक बड़े बदलाव के मुहाने पर है. यदि कारपोरेट क्षेत्र सतत प्रयास करे और सरकार एक जबरदस्त उद्यमशीलता...
More »विदेश से ज्यादा देश में ही है काला धन- मोहन गुरुस्वामी
काला धन, दरअसल, हर वह आय है, जिस पर राज्य को किसी तरह का कर (टैक्स) नहीं दिया जाये. यह आय वैध तरीकों से हो सकती है या फिर अवैध तरीकों से, जैसे स्मगलिंग, भ्रष्टाचार और ड्रग्स के जरिये. सालाना कितना काला धन पैदा होता है, इसका आंकड़ा हर साल अलग-अलग होता है. हालांकि, एक बहुप्रसारित, पर कथित तौर पर गोपनीय अध्ययन (जो नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक फायनांस एंड पॉलिसी...
More »काले धन की मरीचिका में हम - विजय संघवी
हमारा देश एक मरीचिका का पीछा कर रहा है, जिसका नाम है विदेशों में जमा काला धन। अगर काले धन का शगूफा बार-बार छेड़ा जाता है तो उसका कारण यह है कि इससे राजनेताओं को दूसरे मामलों से देशवासियों का ध्यान भटकाने का मौका मिल जाता है, अफसरों को देश में मौजूद काली संपदा को नजरअंदाज करने की सुविधा मिल जाती है, न्यायपालिका को सरकार को फटकार लगाने का अवसर...
More »