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आरटीआई कानून की उड़ रही धज्जियां, नहीं मिलती सूचनाएं

जींद. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 अब लोगों को सूचना नहीं दिला पा रहा है। आए दिन किसी ना किसी विभाग से सूचना नहीं मिलने की शिकायतें आला अफसरों के पास पहुंच रही हैं, लेकिन कार्रवाई तब भी नहीं होती। एक साल से भी ज्यादा समय तक विभागों के चक्कर काटने के बाद लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वे शिकायत करें तो किससे? केस-1 छह माह से नहीं मिली सूचना सफीदों के वार्ड...

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राहुल संभालेंगे एचआरडी रक्षा या ग्रामीण विकास!

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने मनमोहन सरकार के मंत्री के रूप में नई पारी शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस बात की पूरी संभावना है कि वे रक्षा, मानव संसाधन या ग्रामीण विकास मंत्रालय संभाल सकते हैं। 42 वर्षीय राहुल जल्द ही नई जिम्मेदारी संभालेंगे। मनमोहन सरकार में विस्तार और फेरबदल सितंबर के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। संसद का मानसून सत्र भी इस समय तक खत्म...

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शिक्षा अधिकार का सच- नरेश गोस्वामी

जनसत्ता 7 अगस्त, 2012: मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबद्ध संसदीय समिति की रिपोर्ट बताती है कि शिक्षा अधिकार के कार्यान्वयन के लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को बजट की निर्धारित राशि का केवल साठ फीसद दिया गया है। इसका मतलब यह है कि शिक्षा अधिकार योजना को इस साल पंद्रह हजार करोड़ रुपयों की कमी पडेÞगी। योजना की जरूरतों और बजटीय आबंटन के इस अंतर को देखते हुए संसदीय समिति ने...

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प्लस टू स्कूल में रिक्त हैं दो हजार शिक्षकों के पद

रांचीः राज्य के प्लस टू उच्च विद्यालयों में 1233 शिक्षकों की नियुक्ति के बाद भी अभी विद्यालय में आधे से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं. राज्य में कुल 230 प्लस टू उच्च विद्यालय हैं, जिसमें से 59 विद्यालय बिहार के समय के हैं. झारखंड में 171 उच्च विद्यालय प्लस टू उच्च विद्यालय में अपग्रेड किये गये हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल से स्तर इंटर स्तर पर 22 विषयों की पढ़ाई होती...

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नन्हे हाथों में हथियार- रतनदीप चौधरी की रिपोर्ट.

घटते स्थानीय जनसमर्थन के चलते मणिपुर के भूमिगत विद्रोही संगठन अब बच्चों का अपहरण करके उन्हें जंग में झोंक रहे हैं.रतनदीप चौधरी की रिपोर्ट.  इंफाल के सिंगजामी में रहने वाले वाई राकेश मीति इन दिनों बेहद डरे हुए हैं. वे कहते हैं, ‘मणिपुर के लोग टकराव के बीच रहने के आदी हो चुके हैं. लेकिन पिछले तीन महीने की कहानी अलग है. आज मेरे जैसे तमाम मां-बाप भय के साये में जी रहे हैं.'उनका...

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