आजकल दो अपराधियों की नियति चर्चा में है. एक हैं गुजरात की पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी, जिन्हें 2002 में राज्य में हुए नरसंहारों में से एक में अपराधी मानते हुए 28 वर्ष की कैद की सजा दी गयी है. उन्हें खराब स्वास्थ्य के आधार पर फिलहाल जमानत मिली हुई है. इस महीने गुजरात सरकार ने कहा है कि वह कोडनानी का पक्ष लेगी और उन्हें जेल भेजने पर आमादा विशेष...
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एफिडेविट बनाने में हर वर्ष खर्च होते हैं 8000 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। यह देखते हुए कि हम भारतीय हर वर्ष करीब आठ हजार करोड़ रुपए शपथ-पत्र बनवाने पर खर्च कर देते हैं, केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को सरकारी कामों के लिए दस्तावेजों के स्व-प्रमाणन (सेल्फ अटेस्टेशन) को बढ़ावा देने को कहा है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों से वर्तमान में आवश्यक शपथ-पत्रों और विभिन्न आवेदनों के साथ लगने वाले दस्तावेजों के राजपत्रित अधिकारी...
More »ताकतवर हो रहे मच्छर,रिसर्च कहती है डोज ज्यादा लगेगा
राजीव उपाध्याय, जबलपुर। मच्छर अब और अधिक ताकतवर हो रहा है। इसकी ताकत बढ़ा रहा है इसके पैरासाइट का माल्युक्यूल्स (गुणसूत्र)। पैरासाइट के गुणसूत्र की संरचना में परिवर्तन इसे ताकतवर बना रहा है। इसका असर सीधे आम जनता पर इस तरह पड़ेगा कि मलेरिया होने पर उसे दवाओं का डोज अधिक लेना पड़ेगा। उत्तर-पूर्वी राज्यों में मच्छरों के ताकतवर होने पर मलेरिया की दवाएं बेअसर हो चुकी हैं। इसकी शुरुआत...
More »तीन साल में शुद्ध हो सकती है यमुनाः जापान
नई दिल्ली। दिल्ली में गंदे नाले में तब्दील हो चुकी यमुना अगले तीन साल में निर्मल हो जाएगी। जापान ने अगले तीन सालों के भीतर यमुना को शुद्ध कर देने का दावा किया है। उसका कहना है कि यमुना का पानी लोगों के लिए तैरने लायक ही नहीं बल्कि पीने लायक भी हो जाएगा। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जीका) के मुखिया सिन्या एजिमा ने कहा कि यमुना में गिरने वाले नालों...
More »विकास के कई मानकों में दुनिया से बहुत पीछे हैं हम
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। आर्थिक विकास की ऊंची दर को लेकर भले ही हमारी उम्मीदें बहुत अधिक हों, लेकिन सामाजिक-आर्थिक विकास के मानकों में आज भी भारत की स्थिति बेहद खराब है। खासतौर पर पुरुषों के मुकाबले कामकाजी महिलाओं के अनुपात के मामले में हम दुनिया के कई छोटे देशों से भी पीछे हैं। लोगों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में तो भारत की स्थिति बेहद दयनीय है। वर्ल्ड इकोनॉमिक...
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