छत्तीसगढ़ में तकरीबन 50 मजदूरों को अपनी चिमनी में दबा कर मार डालने के आरोपों का सामना कर रही वेदांता के साथ राज्य के कई मंत्रियों का प्रेम चरम पर है. यह अलग बात है कि दुनिया के कई देशों में बदनाम वेदांता के खिलाफ एमनेस्टी इंटरनेशल जैसी संस्थाओं ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं. केंद्र सरकार की कमेटियां भी मानती हैं कि लंदन की इस विदेशी कंपनी वेदांता का...
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शटैंया पंचायत के प्रधान से ग्रामीण खौफजदा
संवाद सहयोगी, शिमला : शटैंया पंचायत के ग्रामीणों ने रविवार को पंचायत प्रधान पर आरोप लगाया कि उसकी गुंडागर्दी से गांव दहशत के माहौल में हैं। गांव के निवासी राजेंद्र वर्मा ने पंचायत प्रधान अमर सिंह पर आरोप लगाया कि वह कई साल से अवैध रूप से खनन कर रहा है। इससे ग्रामीणों की पानी की लाइन को भी नुकसान हो रहा है और पानी की भारी किल्लत हो रही है। राजेंद्र के मुताबिक शनिवार...
More »फूलमती: वह सचमुच ग्राम प्रधान है
आजमगढ़ [जासं]। अन्याय सहना उन्होंने नहीं सीखा। फकत सात साल की थीं जब उन्होंने कदाचार के खिलाफ बिगुल फूंका। कीमत बड़ी चुकानी बड़ी अर्थात पढ़ाई छूट गयी लेकिन हौसले का साथ न छूटा। कदाचार के खिलाफ जंग जारी रही और वर्ष 2005 में कक्षा 2 पास यह महिला बनीं अपने गाव की मुखिया। बात हो रही है फूलमती त्रिपाठी की। वह अजमतगढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कादीपुर रजादेपुर की प्रधान हैं। मायका है...
More »लविप्रा : एक और तालाब बेचा
लखनऊ, 4 फरवरी : पहले ही अपनी आवासीय योजनाओं में 124 तालाबों को लील चुका एलडीए अब गोमतीनगर क्षेत्र के एक और तालाब का वजूद खत्म करना चाहता है। उच्चतम न्यायालय व हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर तालाब की एक बीघा भूमि का सौदा कर डाला गया। नीलामी में यह जमीन एलडीए ने जिस संस्था को दी थी, उस संस्था ने एक निजी बिल्डर को रजिस्ट्री कर दी। अब जब कम्पनी ने वहां निर्माण...
More »वनाधिकार
साल २००६ के १३ दिसंबर को लोकसभा ने ध्वनि मत से अनुसूचित जाति एवम् अन्य परंपरागत वनवासी(वनाधिकार की मान्यता) विधेयक(२००५) को पारित किया। इसका उद्देश्य वनसंपदा और वनभूमि पर अनुसूचित जाति तथा अन्य परंपरागत वनवासियों को अधिकार देना है। यह विधेयक साल २००५ में भी संसद में पेश किया गया था, फिर इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए जिसमें अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ अन्य पंरपरागत वनवासी समुदायों को भी इस...
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