-द प्रिंट, पिछले महीने, भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने भारतीय न्यायपालिका में महिलाओं की बेहद कम नुमाइंदगी पर खेद व्यक्त किया. सीजेआई सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में हाल में नियुक्त किए गए नौ जजों का अभिनंदन किया गया, जिनमें तीन महिलाएं थीं. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अब समय है कि न्यायपालिका में, 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए...
More »SEARCH RESULT
कमला भसीन: सरहद पर बनी दीवार नहीं, उस दीवार पर पड़ी दरार…
-द वायर, कमला भसीन के जीवन की आखिरी लड़ाई कैंसर के एक बेहद घातक प्रकार से थी. उन्होंने एक असहनीय दर्द का मुकाबला विडंबना के साथ और सामने खड़ी मौत का सामना रोजमर्रा के आम दिनचर्या के साथ किया. भारतीय स्त्रीवाद को उनका सबसे बड़ा योगदान था, अपने आदर्शों के साथ समझौता न करने और उन्हें एक बिल्कुल अलग तरीके से व्यवहार करने वाली दुनिया के सामने कहने का संकल्प. उनकी प्रतिभा...
More »उत्तर प्रदेश के किसान से तीन गुणा अधिक कमाता है पंजाब का किसान
-डाउन टू अर्थ, उत्तर प्रदेश के किसान की मासिक आमदनी के मुकाबले पंजाब के किसान की मासिक आमदनी तीन गुणा से अधिक है। जबकि झारखंड के किसान के मुकाबले 5 गुणा अधिक है। गत सितंबर माह में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने ग्रामीण भारत में कृषक परिवारों की स्थिति और परिवारों की भूमि एवं पशुधन का मूल्यांकन 2019 रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में किसानों द्वारा मासिक आमदनी की जानकारी दी गई...
More »हर साल निकाली जा रही 5,000 करोड़ टन रेत, भारत सहित 70 देशों में होता है अवैध खनन
-डाउन टू अर्थ, दुनिया भर में हर साल करीब 5,000 करोड़ टन रेत और बजरी नदियों, झीलों आदि से निकाली जा रही है। देखा जाए तो यह दुनिया में सबसे ज्यादा खनन की जाने वाली सामग्री है। आज जमाव से कहीं ज्यादा तेजी से इनका अंधाधुंध खनन हो रहा है, नतीजन यह अनेक पर्यावरण, स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओं को जन्म दे रहा है। हाल ही में इसपर मैकगिल और कोपेनहेगन विश्वविद्यालय द्वारा...
More »आज़ादी@75: आंदोलन के 74 बरस और नई उम्मीद और नया रास्ता दिखाता किसान आंदोलन
-न्यूजक्लिक, आज जब हम अपनी आजादी की 74वीं वर्षगांठ और 75वां दिवस मना रहे हैं, संविधान सभा के अंतिम भाषण में डॉ. आंबेडकर द्वारा दी गयी चेतावनी बेहद प्रासंगिक है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश एक अन्तरविरोधों भरे दौर में प्रवेश कर रहा है, हम एक राजनीतिक लोकतंत्र तो बन गए लेकिन सामाजिक लोकतंत्र कायम न हुआ तो यह राजनीतिक लोकतंत्र भी खतरे में पड़ जायेगा। इन 74 वर्षों में देश...
More »