वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...
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क्या राजकोषीय संघवाद की गाड़ी हिचकोले खा रही है ?
समाचार माध्यमों से लेकर राजनीतिक गलियारों तक ‘राजकोषीय संघवाद’ का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024–25 ने इस चर्चा को और बढ़ावा दिया है। आँकड़े बता रहे हैं कि वितरण योग्य राशि (डिविजबल पूल) के आकार में कमी आ रही है। पिछले कई वर्षों से वित्त आयोगों की सिफारिशों को नज़रन्दाज किया जा रहा है। इस लेख में ‘राजकोषीय संघवाद’...
More »आईपीसीसी रिपोर्ट के बजाए भारत को अपने जलवायु अनुमान की जरूरत, क्षेत्रीय क्लाइमेट मॉडल बेहतर
मोंगाबे हिंदी, 29 दिसम्बर ग्लोबल नॉर्थ की तुलना में ग्लोबल साउथ खासकर दक्षिण एशिया जलवायु परिवर्तन के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। साथ ही, यह क्षेत्र ज्यादा समृद्ध और विकसित देशों की तुलना में ग्लोबल वॉर्मिंग की परिस्थितियों से निपटने में भी कम सक्षम है। नुकसान और क्षति और ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के तरीकों और उनको अपनाने की फंडिंग के मुद्दे पर बहस के दौरान भी यह असमानता काफी अहम...
More »अंतत: अमीर देशों में बढ़ते गरीब बच्चे बने चिंता का सबब
डाउन टू अर्थ, 14 दिसम्बर सितंबर 2023 में विश्व बैंक और यूनिसेफ ने अनुमान लगाया कि दुनिया में चरम गरीबी से जूझ रहा हर दूसरा शख्स बच्चा है जो 2.15 डॉलर प्रतिदिन से कम पर अपना जीवन गुजार रहा है। इसका आशय यह है कि 2022 में 33.3 करोड़ बच्चे (18 वर्ष से कम आयु) चरम गरीबी में पल रहे थे। इस अनुमान के मुताबिक, दुनिया में वयस्कों से अधिक बच्चों...
More »भारत में 5 जीवित अंग दाताओं में से 4 महिलाएं और 5 प्राप्तकर्ताओं में से 4 पुरुष हैं: अध्ययन
द वायर, 16 नवम्बर देश में अंग प्राप्त करने वाली प्रत्येक महिला के मुकाबले चार पुरुषों का अंग प्रत्यारोपण हुआ है. 1995 से 2021 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि 36,640 अंग प्रत्यारोपण किए गए, जिनमें से 29,000 से अधिक पुरुषों के लिए और 6,945 महिलाओं के लिए थे. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बड़ा अंतर आर्थिक और वित्तीय जिम्मेदारियों, सामाजिक दबावों और अंतर्निहित प्राथमिकताओं के कारण था. टाइम्स ऑफ...
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