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एक स्कूल ऐसा भी जहां केवल झंड़ा फहराने आते हैं शिक्षक

पाकुड़। शिक्षा के क्षेत्र में सूबे का सर्वाधिक पिछड़ा जिला पाकुड़ का लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड वास्तव में शिक्षक व अधिकारियों के कारण पिछड़ा है। आदिवासी व पहाड़िया बहुल यह क्षेत्र दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के कारण सरकार की नजरों से भी दूर है। ऐसे में अधिकारियों की मिलीभगत से यहां मैनेज करने का धंधा बदस्तूर जारी रहता है। इसी क्रम में शिक्षा के क्षेत्र में हो रही गड़बड़ियों के विरूद्ध जिले में भास्कर...

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25 से गरीब परिवारों को मिलेगा सस्ता चना

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार इस महीने की 25 तारीख को राज्य के बस्तर जिले से गरीबों को चना वितरण कार्यक्रम की शुरुआत करेगी। कार्यक्रम की शुरुआत लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज करेंगी। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहा बताया कि राज्य के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में गरीबी रेखा श्रेणी के लगभग चार लाख 49 हजार परिवारों को अत्यंत किफायती मूल्य पर स्वादिष्ट और पौष्टिक देशी चना वितरण की तैयारी...

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चचरी पुल ही एक मात्र सहारा

किशनगंज : आज के आधुनिक व्यवस्था में जहां रेलवे लाइन एवं सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है वहीं इस जिले का टेढ़ागाछ प्रखंड सड़क संपर्क के जरिये जिला मुख्यालय से नहीं जुड़ पाया है. आज भी कनकई नदी पर स्थित लौचा घाट स्थित चचरी पुल लोगों का एक सहारा है. यह पुल भी जन सहयोग से निर्मित है. यह पुल जिला मुख्यालय से न केवल टेढ़गाछ को बल्कि अररिया जिला के सिकटी,...

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गर्मी में जल संकट से परेशान है आधा प्रदेश

जागरण ब्यूरो, भोपाल। गर्मी बढ़ने के साथ साथ मध्य प्रदेश में पानी का संकट विकट होता जा रहा है। एक चौथाई से ज्यादा नगरीय निकायों में हर दिन पानी दे पाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो हाल और भी बदतर है। आदिवासी बहुल जिले धार झाबुआ में पेयजल संकट के सबसे बुरे हाल है। झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड के 77...

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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी

सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...

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