लता सिंह, रायपुर(छत्तीसगढ़)। गांव में रहने वाली मीना ने छोटी उम्र और तमाम विपत्तियों के बावजूद वह कारनामा कर दिखाया, जो दूसरी लड़कियों की सोच से भी दूर है। साहित्य के प्रति ऐसी लगन कि दो किताबें लिख डाली। लेकिन विडंबना है कि उसे आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ गई। आरंग तहसील के ग्राम खुटेरी निवासी मीना जांगड़े पांच भाई और चार बहनों में आठवें नम्बर की...
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कराहते करघे अब करुण कहानी भर हैं-- अमितांशु पाठक
अभी कुछ ही दिन हुए, जब वाराणसी में फाकेहाली से हताश एक बुनकर दंपति ने अपनी तीन बच्चियों की हत्या कर दी। पर विदर्भ के किसानों की आत्महत्या की तरह बनारस के बुनकरों की आर्थिक तंगी, बेकारी, गरीबी और कुपोषण को मीडिया में सुर्खियां नहीं मिल सकीं। इसलिए दुनिया भर में फैले बनारसी साड़ियों के शौकीन नहीं जानते कि यहां अनेक बुनकर परिवारों को दो जून का भरपेट भोजन और...
More »आत्महत्याएं कभी झूठ नहीं बोलतीं!- चंदन श्रीवास्तव
पुराने समय में ‘कागद की लेखी' और ‘आंखिन की देखी' के बीच अकसर एक झगड़ा रहता था. कागद की कोई लिखाई जिंदगी की सच्चाई से मेल ना खाये, तो फिर कबीर सरीखा कोई ‘मति का धीर' पोथी में समाये ज्ञान से इनकार भी कर देता था. यह अघट तो आधुनिक समय में घटा कि प्रत्यक्ष को मानुष पर और मानुष को आवेगों पर निर्भर मान कर शंका के काबिल मान...
More »कर्ज है किसान-आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह- नई रिपोर्ट
देश में आत्महत्या करने वाले किसानों में हर तीसरा किसान छोटा या सीमांत किसान है और आत्महत्या को मजबूर किसानों में हर पांचवां किसान कर्जदारी या आर्थिक तंगी के कारण यह कदम उठा रहा है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के तथ्य नये सिरे से इस आशंका को पुष्ट करते हैं कि कर्जदारी और दिवालिया होना किसान-आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह है और आत्महत्या के शिकार किसानों में सबसे...
More »आर्थिक तंगी से परेशान किसान ने खुद को लगाई आग, मौत
औरैया के अजीतमल थाना क्षेत्र के हैदरपुर गांव में फसल बर्बादी से क्षुब्ध किसान ने खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेल आग लगा ली। किसान की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामाभर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। हैदरपुर गांव निवासी अवनेश कुमार दुबे (42 वर्ष) के पास तीन बीधे खेत है। उसने रबी सीजन में सात बीघा बलकट खेती करवाया था।...
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