-न्यूजक्लिक, अमरावती (महाराष्ट्र): "यहां यदि आप कोरोना के बारे में बातचीत करेंगे तो पता चलेगा कि लोग सरकारी अस्पताल जाने को तैयार नहीं हैं। कारण यह है कि लोगों को लगता है कि उन्होंने कोरोना का इलाज यदि सरकारी अस्पताल में कराया तो डॉक्टर उन्हें जिला अस्पताल अमरावती भेज देंगे, जहां उनका कोई इलाज नहीं होगा और वहां उन्हें बीमार रखे-रखे मार दिया जाएगा। फिर मौत के बाद उनकी लाश तक घर...
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'वोकल फॉर लोकल' का बेहतरीन उदाहरण है नीलगिरी में बसा यह 'टी स्टूडियो', जिसे स्थानीय महिलाएं ही करती हैं संचालित
-गांव कनेक्शन, नीलगिरी की चाय के बारे में लिखना थोड़ा मुश्किल है। यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि घुमावदार पहाड़ियों में ये चाय के बागान कैैसे दिखते हैं। हरियाली से ढंके इस इलाक़े में लाल रंग की एक छोटी सी बिल्डिंग बरबस अपनी तरफ़ आकर्षित करती है। लाल रंग की ये बिल्डिंग मुस्कान खन्ना का आकर्षक टी स्टूडियो है, जो तमिलनाडु के नीलगिरी में कट्टाबेट्टू के एक छोटे से गांव...
More »दूसरी लहर ग्रामीण जीवन पर कहर बरपा रही है, क्या यह ग्रामीण आजीविका को भी प्रभावित करेगी?
इस साल मार्च के बाद से हर रोज कोविड-19 के नए मामलों और मौतों में वृद्धि होने के बाद मीडिया ने रिपोर्ट (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) किया कि प्रवासी कामगार अपने प्रवास स्थलों से मूल स्थानों (यानी मूल स्थानों) पर वापस लौट रहे हैं. शहरों और बड़े औद्योगिक कस्बों में जहां समाज के हाशिए के वर्गों से अनौपचारिक और कम कुशल श्रमिक मौसमी रूप से प्रवास करते हैं,...
More »गुजरात में कोविड-19 मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी, कम गिनती कर सरकार की विफलता पर पर्दा डालने का प्रयास
-कारवां, 15 अप्रैल की देर शाम तक गुजरात के सूरत शहर के सबसे बड़े श्मशान अश्विनी कुमार श्मशान घाट में कोविड-19 रोगियों के 140 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. उसी दिन गुजरात सरकार ने बताया कि राज्य में केवल 41 कोविड-19 रोगियों की मौत हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक 25 मौतें सूरत में हुईं. श्मशान की रजिस्ट्री का प्रबंध करने वाले कर्मचारी ने मुझे बताया, ''हर दिन औसतन...
More »गोरखपुर के गांवों में फैली महामारी, घरों में ही मर रहे बड़ी संख्या में लोग
-न्यूजलॉन्ड्री, 43 वर्षीय राजीव नयन सिंह अपने दो बच्चों के साथ बासूडीहा में रहते हैं. तीन दिन पहले उनकी पत्नी वंदना सिंह का निधन हो गया. राजीव और उनकी पत्नी कोविड पॉजिटिव थे. राजीव और उनकी पत्नी का टेस्ट काफी देर से हुआ. इसकी वजह राजीव हमें बताते हैं, “टेस्टिंग केंद्र कौड़ीराम में बना है. उनके गांव में ऐसी कोई सुविधा नहीं है.” राजीव की रिपोर्ट 22 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी....
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