नयी दिल्ली : भूख की मार झेल रहे लोगों की संख्या भारत में 9.5 प्रतिशत घट कर 19.07 करोड़ पर आ गयी, जो दो दशक पहले 21.08 करोड़ थी. वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में ऐसे लोगों की संख्या इस अवधि में 38 प्रतिशत तक बढ़ गयी है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. हालांकि दक्षिण एशिया में सबसे अधिक भूखे लोगों के मामले में भारत (19.07 करोड)...
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जीएम फसल : भरोसेमंद रिसर्च, अन्नदाता की भलाई में समाधान
जीन संशोधित यानी जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) फसलों को लेकर भारत में एक बार फिर जीन संशोधित यानी जीएम फसलों का मामला गरमा गया है। पेश है एक रिपोर्टः- नरेंद्र मोदी सरकार पर इस मसले पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के दबाव में काम करना आरोप लगा है। पहले खबर आई थी कि देश में 15 जीएम फसलों के फील्ड ट्रायल की अनुमति दे दी गई है। बाद में संघ से...
More »फल व सब्जियों की बर्बादी बड़ी चुनौती
नयी दिल्ली: एक ओर जहां फलों और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश में बड़े पैमाने पर फल और सब्जियां बर्बाद हो रही हैं. केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बताया कि देश में 18 फीसदी फल व 12 फीसदी सब्जियां बर्बाद हो रही हैं.क्योंकि देश में भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं का अभाव है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर ने सदन में प्रश्नोत्तर काल के...
More »विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह
जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...
More »नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क
16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...
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