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"हम नहीं लगवाएंगे ज़हर का टीका": राजस्थान के गांव में फैला कोरोना टीके का खौफ

-न्यूजलॉन्ड्री,  अलवर के खुशीनगर गांव में लोगों के बीच बात फैली है कि जिन्हे पेंशन मिलती है केवल उन्हें ही टीका लगवाना है. इसे ढाल बनाकर गांव में लोग टीका नहीं लगवा रहे. 50 वर्षीय रतन वाल्मीकि कहते हैं, "हम टीका नहीं लगवाएंगे, हमें पेंशन नहीं मिलती है. गांव में उन्हीं लोगों का टीकाकरण हो रहा है जिनको सरकार की तरफ से कोई पैसा मिलता है." दरअसल, गांव में ये धारणा बनी...

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कोविड-19 वैक्सीन की दो अरब डोज़ बनी लेकिन कहाँ गईं?

-बीबीसी,  कोरोना वायरस महामारी पूरी दुनिया को तबाह करने वाली साबित हुई है. लेकिन इतने कम समय में हम कोरोना वैक्सीन की दो अरब डोज़ बना रहे हैं और यह संक्रमण को रोकने की लड़ाई में मील का पत्थर है. अच्छी ख़बर है कि इस साल के अंत तक एक अुनमान के मुताबिक़ दुनिया भर के 5.8 अरब वयस्कों के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की डोज़ उपलब्ध हो जाएगी. बुरी ख़बर है कि...

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कोरकू आदिवासी बहुल मेलघाट की पहाड़ियों पर कोरोना से ज्यादा कोरोना के टीके से दहशत!

-न्यूजक्लिक, अमरावती (महाराष्ट्र): "यहां यदि आप कोरोना के बारे में बातचीत करेंगे तो पता चलेगा कि लोग सरकारी अस्पताल जाने को तैयार नहीं हैं। कारण यह है कि लोगों को लगता है कि उन्होंने कोरोना का इलाज यदि सरकारी अस्पताल में कराया तो डॉक्टर उन्हें जिला अस्पताल अमरावती भेज देंगे, जहां उनका कोई इलाज नहीं होगा और वहां उन्हें बीमार रखे-रखे मार दिया जाएगा। फिर मौत के बाद उनकी लाश तक घर...

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महामारी के दौर में वैज्ञानिक दृष्टिकोण

-न्यूजलॉन्ड्री, रूपक हमें किसी भी बोध के लिए विशेषण सुझाते हैं. भारत बमुश्किल अभी भिखारियों, सपेरों, और राजाओं के देश के रूपक की केंचुली उतार ही पाया था, कि अब वो ताली, थाली और दिए से एक वायरस से लड़ने की सोचने वाले देश के रूपक में जकड़ गया. भारत की तमाम वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियां उस प्रतिछवि से ग्रस्त हो जाती हैं, गो-कोरोना-गो के चिल्लाने, और गोमूत्र एवं गोबर के...

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कोविड-19 के मामूली संक्रमण के बाद भी उम्र भर बनी रह सकती है इम्यूनिटी

-डाउन टू अर्थ,  यदि किसी व्यक्ति को एक बार कोविड-19 का मामूली संक्रमण हो जाता है, तो उसके शरीर में लम्बे समय तक इस बीमारी के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। ऐसे में इस बीमारी के दोबारा होने की सम्भावना काफी कम हो जाती है। यह जानकारी हाल ही में सेंट लूइस के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किए एक शोध में सामने आई है, जोकि अंतराष्ट्रीय जर्नल...

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