शिमला : मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम (एचपीटीडीसी) अपने होटलों में जैविक भोजन व अन्य जैविक उत्पाद उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जैविक खेती को विशेष प्राथमिकता प्रदान कर रही है। किसानों को पारंपरिक जैविक कृषि पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ के साथ-साथ घर-द्वार पर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री वीरवार को इंदिरा गांधी खेल परिसर...
More »SEARCH RESULT
इस गांव में थम जाए पांव
झंझारपुर [मधुबनी, सुनील कुमार मिश्र]। अब अनुमंडल के लखनौर प्रखंड स्थित गांव हरभंगा में किसी का भी पांव थम जाएगा। कारण, जैविक ग्राम का सपना यहां साकार होने की ओर है। जैविक खेती से गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल रही है। यहां के सब्जी उत्पादक किसान सिर्फ जैविक खाद का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। 2011 तक पूरी तरह जैविक ग्राम बन जाने की उम्मीद पाले इस...
More »जीन का जिन्न-- देविंदर शर्मा
एक बार जीन बाहर आ जाए तो इसे रोकने का कोई रास्ता नहीं है. इसका लंबे समय से डर था. सामाजिक कार्यकर्ता और सजग वैज्ञानिक इसकी चेतावनी दे चुके थे, किंतु सरकार ने आंखें मूंदे रखीं. अब डर सच साबित हो चुका है. इसने पर्यावरण प्रदूषण के एक और विनाशकारी रूप-जीन प्रदूषण पर चिंता बढ़ा दी है. जीएम धान दिल्ली के एक अनुसंधान संगठन 'जीन कैंपेन' ने पता लगाया है कि बीज कंपनी...
More »सूबे में लागू होगी हरित क्रांति विस्तार योजना
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों को खेती का उन्नन्त तरीका सिखाने के लिए हरित क्रांति विस्तार योजना लागू की जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छित्तीसगढ़ में अनाज, दलहन, तिलहन सहित साग सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करने और किसानों को खेती के उन्नत तरीके सिखाने के लिए समग्र रूप से हरित क्रांति विस्तार योजना लागू की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन के...
More »कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
More »