सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
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बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1
अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
More »प्लेटिनम से चमकेगी बुंदेलखंड की किस्मत
नई दिल्ली [असित अवस्थी]। पानी की कमी और गरीबी के लिए पहचाना जाने वाला बुंदेलखंड आने वाले समय में दुनिया की बेशकीमती धातु 'प्लैटिनम' के लिए भी जाना जाएगा। बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में प्लैटिनम के भंडार का पता चला है। यह खोज बुंदेलखंड की किस्मत भी बदल सकती है। बुंदेलखंड के ललितपुर जिले से 85 किलोमीटर दूर इकोना गांव में इन धातुओं का पता चला है। उत्तर प्रदेश...
More »झांसी में यूरेनियम भंडार मिलने की उम्मीद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में प्रदेश के खनिज विभाग द्वारा किए गए खनन के दौरान यूरेनियम के भंडार मिलने के उम्मीद जगी है। भूतत्व एवं खनिक मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने बताया कि झांसी जिले के खजराहा बुजुर्ग गांव की कार्बोनेटाइट चट्टानों में पहली बार रेयर अर्थ एलीमेंट्स [आरईई] पाया गया है। उन्होंने बताया कि आरईई में महत्वपूर्ण 17 तत्वों का समूह होता है, जिसमें यूरेनियम की मात्रा 27 ग्राम...
More »तीन सियासतों के बीच में फंसा एक बुंदेलखंड
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में फैला बुंदेलखंड एक क्षेत्र है। पूरा इलाका गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, सूखा, अकाल जैसी समस्याओं से भी समान रूप से जूझ रहा है। लेकिन इस क्षेत्र को इन समस्याओं से मुक्ति देने की कोशिश करने के बजाय सियासी सूरमा अपनी-अपनी सियासत चमकाने में लगे हैं। सियासत भी एक तरफा नहीं बल्कि तीन तरफा। यकीन नहीं तो उत्तर प्रदेश के...
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