-न्यूजलॉन्ड्री, "कोरोना के बाद जब एक बार फिर से काम मिलना शुरू हो जाएगा और पैसे मिलेंगे तो मैं सबसे पहले अपने लिए चप्पल खरीदूंगी और क्रीमरोल खाऊंगी" यह बात सुनने में शायद बहुतों को अजीब लगे कि चप्पल और क्रीमरोल जैसी मामूली चीज़ों को कोई कोरोना महामारी के चलते खरीद नहीं पा रहा है लेकिन महाराष्ट्र के बीड जिले के काठोड़ा गांव की दलित बस्ती में रहने वाली 15 साल...
More »SEARCH RESULT
बढ़ती मंहगाई के बीच लगातार घाटा सहता किसान
-रूरल वॉइस, अगर आप एक ऐसे व्यवसाय से जुडे हैं, जिसमे लागत खर्च लगातार बढ़ता रहता है, लेकिन आपके उत्पाद की कीमतों मे या तो बहुत ही मामूली उछाल देखने को मिलता है या फिर अधिकतर वह कीमतें घट जाती हैं तो क्या आप उस व्यवसाय में रहना चाहेंगे? ज्यादातर लोगों का जवाब होगा 'नहीं' । लेकिन अगर कहा जाए कि आपके पास कोई विकल्प नहीं है और भले ही आपको...
More »गरीबी, भूख और लॉकडाउन
-न्यूजक्लिक, नरेंद्र मोदी ने, 24 मार्च 2020 को एलान किया था कि चार घंटे के बाद से, देश भर में पूर्ण लॉकडाउन लागू हो जाएगा! यह देशव्यापी लॉकडाउन मई के आखिर तक चलने जा रहा था। इसके बाद भी स्थानीय लॉकडाउन तो बने रहे पर, देशव्यापी आम लॉकडाउन नहीं हुआ। लॉकडाउन से करोड़ों मेहतनकश गरीबों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इनमें से प्रवासी मजदूूरों की तकलीफों की तरफ तो...
More »कोविड टीकाकरण: आम आदमी की ज़िंदगी के प्रति भारत सरकार इतनी बेपरवाह क्यों है
-द वायर, ‘कोविशील्ड और कोवैक्सीन के उत्पादकों से बात करने पर मालूम हुआ कि वे हमें 18 साल के ऊपर के लोगों के लिए हमें टीका नहीं दे पाएंगे. इस वजह से हम 1 मई से सबके लिए टीकाकरण शुरू नहीं कर पाएंगे.’ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 29 अप्रैल की शाम को यह वक्तव्य जारी किया. गुजरात के मुख्यमंत्री ने भी बताया कि 18 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण शुरू करना संभव...
More »किसान आंदोलन के बीच वित्त मंत्रालय ने रखा था कृषि संबंधी योजनाओं के बजट में कटौती का प्रस्ताव
-द वायर, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ जब देश के विभिन्न हिस्सों में किसान प्रदर्शन कर रहे थे, इसी बीच वित्त मंत्रालय ने कृषि से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे कि खाद्य सुरक्षा मिशन, सिंचाई, जैविक खेती, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना इत्यादि के बजट में कटौती करने को कहा था. मंत्रालय ने दावा किया था कि इनमें से अधिकतर योजनाओं से ‘कोई लाभ’ नहीं हो रहा है....
More »