नई दिल्ली। देश में असहिष्णुता पर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय की एक रिपोर्ट ने मोदी सरकार को राहत दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 2014 की तुलना में साम्प्रदायिक हिंसा में मरने की संख्या घटी है। इस साल अक्टूबर तक ऐसी वारदातों में मरने वालों का आंकड़ा 86 था, जबकि 2014 में इसी अवधि में 90 लोगों की जान गई थी। हालांकि साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं में वृद्धि देखी...
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लोकतंत्र को दबोचता बर्बर भीड़तंत्र-- उर्मिलेश
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 35 किमी की दूरी पर ग्रेटर नोएडा के एक गांव बिसायरा में सोमवार की रात कुछ लोगों ने संगठित ढंग से 50 वर्षीय अखलाक अहमद के घर पर हमला कर उसको मार डाला. अखलाक का 22 वर्षीय बेटा भी अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है. एकाएक हुए इस हमले, तोड़फोड़, लूटमार और हत्या की वजह क्या थी? एक अफवाह कि अखलाक गोमांस खाता...
More »इंसान के जमीर की आवाज का जागना - गोपालकृष्ण गांधी
जमीर क्या है? दिल-ओ-दिमाग से भी आगे, एक ऐसे कोने में सिकुड़कर बैठा हुआ एक खयाल, जो कि अकसर खामोश रहता है, आसपास के शोरगुल से कोई ताल्लुक ना रखते हुए, वो अपने खयालों में खोया-खोया रहता है। लेकिन कभी-कभी, वह यकायक उठ खड़ा होता है, अंगड़ाई लेता है और फिर ऐसे बोलता है कि उसकी आवाज को सुनना पड़ता है। किस जुबान में बोलता है जमीर? क्या जिस इंसान में उसका घर...
More »मोदी सरकार ने फोर्ड फाउंडेशन को डाला निगरानी सूची में
नई दिल्ली। ग्रीनपीस के बाद फोर्ड फाउंडेशन से आने वाली विदेशी मदद पर भी सरकार का शिकंजा कस गया है। मोदी सरकार ने फोर्ड फाउंडेशन को निगरानी सूची में डाल दिया है। इसके तहत इससे मिलने वाली सभी विदेशी सहायता के लिए गृह मंत्रालय की पूर्व मंजूरी को अनिवार्य कर दिया है। गृह मंत्रालय के अनुसार देश की सुरक्षा और हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया...
More »सबसे बड़े हिरासती नरसंहार का सच- विभूति नारायण राय
हाशिमपुरा नरसंहार में आये कोर्ट के फैसले के बाद, भारतीय राज्य के लिए यह परीक्षा की घड़ी है. यदि आजादी के बाद के इस सबसे बड़े हिरासती नरसंहार में वह हत्यारों को सजा नहीं दिला पाया, तो उसका चेहरा पूरी दुनिया में स्याह हो जायेगा. उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित हाशिमपुरा में 1987 में हुए नरसंहार के आरोपित जवानों को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने ठोस सबूतों के...
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