देश में जहां कहीं भी किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उससे यह बात साफ हो जाती है कि आखिर कब तक किसान चुप रहेंगे और कब तक बर्दाश्त करते रहेंगे. यह एक बड़ी सच्चाई है कि पिछले 40-50 साल से किसानों के साथ अत्याचार यह हो रहा है कि एक डिजाइन के तहत उनको कमजोर करके रखा जा रहा है. बस, बीच-बीच में कभी-कभार उनकी मदद...
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HIV गर्भवती के इलाज से डॉक्टरों ने भी पीछे किए हाथ
एक एचआईवी संक्रमित महिला को पहले तो परिवार ने छोड़ा। अब डॉक्टर भी इलाज में आनाकानी कर रहे हैं। पीएमसीएच में भर्ती कराई गई महिला की हालत गंभीर है। आरोप है कि महिला के पेट में मृत बच्चे को निकालने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। महिला को शनिवार शाम चार बजे स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एक एनजीओ की पहल पर भर्ती कराया गया है। एचआईवी संक्रमित...
More »ब्रांडेड दवाओं की महामारी-- आशुतोष चतुर्वेदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जेनेरिक दवाओं को अनिवार्य करने की घोषणा ने देश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. एक बड़ा तबका इसके समर्थन में खड़ा है तो दूसरी ओर डॉक्टरों का समुदाय और दवा कंपनियां इस घोषणा पर बेहद तल्ख प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि उनकी सरकार ऐसा कानून बनाएगी, जिससे डॉक्टरों के लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य...
More »एक नारीमय राजनीति की बुनियाद-- रुचिरा गुप्ता
चंपारण सत्याग्रह में औरतें पहली बार हिंदुस्तान की जमीनी राजनीति से जुड़ीं और यह औरतों की भागीदारी का बुनियाद बन गया. सूत कातना और खादी बुनना गरीब से गरीब महिला भी अपने घर में कर सकती थी. लाखों वॉलंटियरों, विशेषकर महिलाओं को, जो अपना घर नहीं छोड़ सकतीं थीं और पढ़ी-लिखी भी नहीं थी, अब आंदोलन भाग ले सकती थीं. इन कार्यों ने सबको बदला-शक्तिशाली और कमजोर को, मर्द को...
More »देर से शादी के चलते जानलेवा हो रहा है हाइपरटेंशन
भोपाल। आरामतलब जिंदगी और उसके बाद देर से शादी गर्भवती महिला व शिशु के लिए खतरनाक साबित हो रही है। लाइफ स्टाइल के चलते उन्हें 25 से 30 साल की उम्र में ही हाइपरटेंशन (हाई बीपी) हो रहा है। इस उम्र में मां बनने पर मां के साथ ही गर्भस्थ शिशु की जिंदगी भी खतरे में रहती है। पिछले साल (2015-16) के मैटरनल डेथ रिव्यू में सामने आया है कि...
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