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नक्सली हिंसा ‘सशस्त्र संघर्ष’ नहीं

संयुक्त राष्ट्र. भारत ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में नक्सली हिंसा को ‘सशस्त्र संघर्ष’ कहने पर कड़ी आपत्ति जताई है। यह रिपोर्ट छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में नक्सलियों द्वारा बच्चों को भर्ती तथा इस्तेमाल करने के बारे में है। ‘बच्चे एवं सशस्त्र संघर्ष’ नामक रिपोर्ट पर ये आपत्तियां संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने जताई हैं। पुरी ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि नक्सली समूहों की...

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नक्सलवाद: भारत को संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर आपत्ति

भारत ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि माओवादी हिंसा से प्रभावित पूर्वी और मध्य भारत के क्षेत्र को 'अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत सशस्त्र संघर्ष का क्षेत्र' नहीं कहा जा सकता. ग़ौरतलब है कि हाल में संयुक्त राष्ट्र की 'बच्चे और सशस्त्र संघर्ष' शीर्षक की एक रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के माओवादी गुटों द्वारा बच्चों की भर्ती का उल्लेख किया गया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद...

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नक्सलियों के डर से गांव किया खाली

रायपुर। नक्सलियों द्वारा पुलिस का मुखबिर करार दिए जाने के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में 35 परिवारों के करीब 150 लोग अपना पैतृक गांव छोड़ कर चले गए हैं। बस्तर क्षेत्र में बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले शामिल है। पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने बताया कि नक्सलियों ने इन ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी दी थी। 40 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में फैले बस्तर के मोहला गांव से अपना बोरिया बिस्तर समेटने...

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वेदांता को आई लव यू-- नीरज, रायपुर से

छत्तीसगढ़ में तकरीबन 50 मजदूरों को अपनी चिमनी में दबा कर मार डालने के आरोपों का सामना कर रही वेदांता के साथ राज्य के कई मंत्रियों का प्रेम चरम पर है. यह अलग बात है कि दुनिया के कई देशों में बदनाम वेदांता के खिलाफ एमनेस्टी इंटरनेशल जैसी संस्थाओं ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं. केंद्र सरकार की कमेटियां भी मानती हैं कि लंदन की इस विदेशी कंपनी वेदांता का...

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नाम-काम से तो विशेष मगर हैं बेकदर

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। आतंकियों की गोली खाने में किसी से पीछे नहीं रहते। इस बात की गवाह है दंतेवाड़ा में शहादत। पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए आंख-कान का काम भी करते हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर मिलता है मामूली मानदेय का झुनझुना। कहलाते हैं एसपीओ यानी विशेष पुलिस अधिकारी। कई राज्यों में तो वे पहचान के मोहताज होते हैं। जहां की सरकार ज्यादा मेहरबान है, वहां मानदेय के नाम पर तीन हजार...

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