भोपाल. मप्र में बाघों की गणना को लेकर मार्च 2011 के नतीजों में एक और बेहद चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। उन क्षेत्रों में बाघ घट गए, जहां इन्हें बचाने के लिए ज्यादा राशि खर्च की गई और सुरक्षा के भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए,लेकिन उन खुले क्षेत्रों में बाघ बढ़ गए जहां इनकी देखभाल तक करने वाला कोई नहीं था। बीते चार वर्षो में प्रदेश के टाइगर रिजर्व...
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सरकार ने माना 89 किसानों ने की 3 माह में खुदकुशी
भोपाल. किसानों की आत्महत्याओं की हकीकत छुपाने के तमाम प्रयास करती रही सरकार ने मंगलवार को यह माना कि तीन महीने में प्रदेश में 89 किसानों और 47 खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। चौंकाने वाली जानकारी यह भी है कि इस अर्से में प्रदेश में कुल आत्महत्याओं का आंकड़ा 1350 तक जा पहुंचा,जबकि 58 लोगों ने खुदकुशी के प्रयास किए। मंगलवार को कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के प्रoA के लिखित उत्तर में...
More »आदिवासियों की जमीन पर कब्जा
भोपाल. कानूनन आदिवासियों की भूमि खरीदी बेची नहीं जा सकती। इसके बावजूद प्रदेश में आदिवासियों की जमीन खरीदने और कब्जे करने के मामले सामने आ रहे हैं। मप्र राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में दो साल में ऐसी 50 शिकायतें दर्ज हुई हैं। आयोग ऐसे मामले राजस्व विभाग को भेजने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं कर पाता। आदिवासियों की जमीन उद्योग को: बीते माह पन्ना जिले के गांव बीजाखेड़ा में 50 आदिवासियों...
More »दमोह : फिर एक किसान ने पीया कीटनाशक
दमोह. पाले से खराब हुई अरहर की फसल से निराश एक और किसान ने यहां गुरुवार को कीटनाशक पीकर जान देने का प्रयास किया है। इससे पहले जिले में सात किसान खुदकुशी का प्रयास कर चुके हैं जिसमें दो की मौत हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि गैसाबाद थाने के घुटरिया गांव के किसान रामसेवक ने घर में रखा कीटनाशक पी लिया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल...
More »हाथी पांव रोग के फैलने से गांवों में हैं दहशत
ग्वालियर, जागरण संवाददाता। दतिया जिला प्रदेश के उन जिलों में से एक है, जहां के गांवों में अभी भी फायलेरिया से पीड़ित लोगों की संख्या हजारों में हैं। स्वास्थ्य विभाग भी ंवर्ष में एक बार मरीजों की सुध लेता है, बाकी समय जागरूकता बढ़ाने का काम नहीं हो पाता है। फायलेरिया जैसी बीमारी क्यूलेक्स नामक विशेष प्रजाति के मच्छर के काटने से होती है। चूंकि बीमारी संक्रामक है,...
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