-न्यूजलॉन्ड्री, क्या किसानों को अपने खेतों में पराली न जलाने के एवज में पैसे मिलने चाहिए? आज के समय में यह सबसे विवादास्पद मुद्दों में से एक है क्योंकि उत्तर भारत में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है और यही वह समय है जब खेतों में पराली जलाई जाती है. यह प्रदूषण हवा के माध्यम से दिल्ली तक पहुंच जाता है. यह किसी से नहीं छुपा कि दिल्ली गाड़ियों के धुएं...
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बिहार चुनाव : मक्का किसानों को लागत से कम मिलता है दाम
-न्यूजक्लिक, "लाभ की बात छोड़िये, इस साल मक्का की लागत भी नहीं निकली है, इस बार भारी नुकसान हुआ है, क्या करें। सरकार केवल ढ़ोल पीटती है कि किसान को एमएसपी मिल रही है; किसान की आय बढ़ने के सभी दावे झूठे हैं, त्रिलोक दास जोकि बाढ़ वाले क्षेत्र कोशी से मक्का बौने वाले किसान हैं ने उक्त बातें कहीं, यह वह इलाका है जिसे सीमांचल क्षेत्र के साथ मक्का की...
More »पंजाब के बाद केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर, विधेयक लाएगी राजस्थान सरकार
-द प्रिंट, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान सरकार भी केंद्र द्वारा हाल ही में पारित कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ विधेयक लाएगी और इसके लिए जल्द ही राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. राज्य मंत्री परिषद की मंगलवार शाम को हुई बैठक में यह फैसला किया गया. मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से सम्बन्धित विषयों पर बनाए गए...
More »अस्तित्व की लड़ाई
- आउटलुक, “नए कानूनों से किसानों को खेती पर भी कॉरपोरेट के हावी होने का अंदेशा” अच्छे दिनां ने पंजाब दी किसानी डोब ती... (अच्छे दिनों ने पंजाब की किसानी डुबा दी) पंजाबी गायक मनमोहन वारिस का यह गाना इन दिनों प्रदेश के किसान आंदोलन में खूब बज रहा है। ये किसान खेतों में तैयार खड़ी फसलों की चिंता छोड़ रेल पटरियों पर तंबू लगाकर पड़े हैं। उन्हें फसलों के नष्ट होने...
More »कृषि कानूनों में सुधार की दरकार
-आउटलुक, 5 जून 2020 को केंद्र सरकार कृषि से संबंधित तीन अध्यादेश ले आई। संसद के संक्षिप्त मानसून सत्र में इन तीनों अध्यादेशों को लोकसभा और राज्यसभा ने पारित कर दिया है। पहले विधेयक, ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2020’ का उद्देश्य अधिनियम में संशोधन करके कृषि व्यापार को उदार एवं सुगम बनाना है। बीते जमाने में अधिकांश कृषि जिंसों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखा जाता रहा है, ताकि...
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