SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 233

कई बेटियों का घर बसा चुकी हैं राजकुमारी किन्नर, अनाथ बच्चों को देती हैं माँ का प्यार!

-द बेटर इंडिया, किन्नर सुनते ही शायद नाच-गाना और बधाई देकर पैसे लेने लेने वालों की तस्वीर आपके मन में आती होगी। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी किन्नर माँ के बारे में जो करीब 10 बच्चों का पालन पोषण अपने खर्च पर कर रही हैं। झारखंड के बोकारो की रहने वाली यह किन्नर अपने इलाके में राजकुमारी किन्नर के नाम से लोकप्रिय हैं और लोगों के बीच...

More »

लॉकडाउन से उपजे पेट के संकट ने महामारी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया

-न्यूजक्लिक,  ‘मोर बस्ती कोरोना से ज्यादा खतरनाक है। वहां बहुत कचड़ा और गंध है, आप बस्ती जाएंगे तो आपको भी कोरोना हो जाएगा।’ ये कहना है नंदू का। नंदू जिसने शहर इलाहाबाद में यमुना नदी के तट पर अपने जिंदगी की पहली सांस ली थी। वह आज भी यमुना नदी के किनारे बसे कीडगंज इलाके की एक बस्ती में रहता है, नंदू की उम्र कुल जमा आठ साल है लेकिन नंदू...

More »

लॉकडाउन का असर मध्यप्रदेश के नवजात बच्चों पर भी, संस्थागत प्रसव में कमी

-डाउन टू अर्थ, मध्यप्रदेश के रीवा जिले के अंसरा गांव में गर्भवती महिला शिवजानकी (26) अपना प्रसव अस्पताल में कराना चाह रही थी। प्रसव पीड़ा से पहले एंबुलेंस बुलाने के लिए उनके पति मिथिलेश कोल ने कई फोन किए, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। थक-हारकर शिवजानकी का प्रसव घर में ही कराने का फैसला हुआ। 21 मई को शिवजानकी ने प्रियांशी को जन्म दिया। कोविड-19 महामारी से लड़ाई के लिए लगे लॉकडाउन...

More »

कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ जंग लड़ रहा है बिहार का यह सरकारी स्कूल

बिहार के पूर्णिया जिले के कसबा प्रखंड मुख्यालय में स्थित यह स्कूल पहली ही नजर में किसी आम सरकारी स्कूल जैसा नहीं दिखता। परिसर की साफ सफाई, स्कूल भवन के रंग रोगन, दीवारों पर बने प्रेरणा दायक चित्र, करीने से बने शौचालय और मूत्रालय, परिसर में लगे पेड़ पौधे, यह सब बरबस आपका ध्यान खींचते हैं। मगर इस विद्यालय की सबसे बड़ी खासियत इसकी वह कोशिश है जो इसने अपने...

More »

संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा

“अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी”   घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! -शलभ श्री राम सिंह   हम भारत के लोग ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया था। आज लगभग 70 साल के बाद देश का शासक...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close