मैं भारतीय हूं. मैं मुसलमान हूं. मैं भारतीय मुसलमान स्त्री हूं. पिछले कुछ महीनों से मेरी जिंदगी के बारे में खूब बात हो रही है. मेरे जेहन में भी कई सवाल उठते रहे हैं. बात, जिंदगी के बारे में होती और बहस की सुई तलाक-तलाक-तलाक और निजी कानून पर जाकर अटक जाती है. क्या मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा मसला यही है? मेरी जिंदगी, शादी के पहले भी है, शादी...
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विश्व आदिवासी दिवस : कहां खड़े हैं आदिवासी
अनुज कुमार सिन्हा : एक आदिवासी (सही शब्द जनजातीय) बहुल राज्य रहा है. विश्व अादिवासी दिवस (नौ अगस्त) के माैके पर यह चिंतन का वक्त है कि आदिवासी समाज कहां खड़ा है, देश आैर झारखंड में उनकी वास्तविक स्थिति क्या है. जल, जंगल और जमीन आरंभ से आदिवासी जीवन से जुड़ा रहा है. समय के साथ-साथ बदलाव हुए हैं आैर यह समाज भी बदला है. अंगरेजाें के खिलाफ...
More »इसलिए गायब हैं बेटियां!--- नासिरुद्दीन
क्या बिहार के लोग भ्रूण का लिंग नहीं पता करवाते हैं? क्या यहां भ्रूण के लिंग की जांच नहीं होती है? क्या इस राज्य में लिंग जांच कर गर्भ का समापन नहीं होता या करवाया जाता है? क्या यहां का लिंग अनुपात गड़बड़ नहीं है? बिहार के कई इलाकों में जब इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश होती है, तो आमतौर पर जवाब मिलता है- यहां ये सब नहीं...
More »पेंशन के टेंशन ने बंद कर दी बद्री मेहतर की सांस
देवघर: पेंशन से जुड़ी थी बद्री मेहतर की सांस. पेंशन क्या बंद हुई बद्री की सांस ही बंद हो गयी. पीछे छूट गया छह सदस्यों का बड़ा परिवार, जिसके लिए दिन पहाड़ है और रात कोई डरावना सपना. बद्री मेहतर कोई निकम्मा आदमी नहीं था. वह नगर निगम का सेवानिवृत सफाई कर्मचारी था. कोई एक महीने से बीमारी से जूझ रहा था. यथोचित इलाज के अभाव में रविवार की रात...
More »शौचालय बना, तो घर आयी बेटियां- दुर्जय पासवान
खुशखबरी. मुंबई और दिल्ली में रहती थी पीटर की दो बेटियां, नहीं आती थी गांव पालकोट प्रखंड के बरचट्टान गांव के पीटर मिंज के घर शौचालय नहीं था. घर से दूर रहनेवाली उनकी बेटियों को खुले में शौच जाने में शर्म आती थी. इसलिए दिल्ली और मुंबई से गांव नहीं आना चाहती थीं. लेकिन, वर्ष 2015 में जब पीटर ने घर में शौचालय बनवाया, तो बेटियां अपने गांव आने लगीं.पीटर के...
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