SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 262

आर्थिक संतुलन साधने की कोशिश - सुषमा रामचंद्रन

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दर में इजाफा करते हुए अर्थव्यवस्था के उन अहम तत्वों को लेकर चिंताओं को रेखांकित किया है, जिनके कारण महंगाई बढ़ रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से ब्याज दरों में गिरावट का दौर चल रहा था। लेकिन अब रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा की पिछली लगातार दो बैठकों के बाद ब्याज दरें बढ़ाने का एलान किया। पहले...

More »

कभी किसान के मन की बात भी करें मोदी- योगेन्द्र यादव

प्रधानमंत्री को आजकल किसानों की बड़ी चिंता है। यानी उनके वोट की बहुत चिंता है। होनी भी चाहिए। लोकसभा चुनाव का मौसम शुरू हो गया है। चाहे गुजरात से लेकर कैराना तक के चुनाव परिणाम हों या किसानों द्वारा अपनी फसल फेंक देने की खबरें हों या फिर नवीनतम जनमत सर्वेक्षण, सभी दिशाओं से किसान की नाराज़गी के संकेत आ रहे हैं। प्रधानमंत्री जानते हैं कि देश की खेती पर...

More »

बैंकों के लिए मुश्किल भरे होंगे आने वाले साल

नयी दिल्ली : देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि आने वाले वर्ष बैंकों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे और बैंकों को डूबे कर्ज की समस्या से आगे बढ़कर धोखाधड़ी, साइबर सुरक्षा और कारोबारी प्रशासन जैसे अन्य दिक्कतों पर ध्यान देना चाहिए. बैंक ने 2017-18 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि परिचालन माहौल जटील हो रहा है. एसबीआई ने कहा कि फंसी परिसंपत्तियों की...

More »

सार्वजनिक बैंकों को 87,000 करोड़ रुपये का घाटा

ई दिल्ली। फंसे कर्जों (एनपीए), घोटालों और घपलों की मार झेल रहे सार्वजनिक बैंकों को इस वर्ष मार्च में खत्म वित्त वर्ष के दौरान कुल 87,300 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बैंकों द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान 21 सार्वजनिक बैंकों में से सिर्फ इंडियन बैंक और विजया बैंक मुनाफे में रहे, जबकि बाकी 19 बैंकों को घाटे का सामना करना पड़ा। इनमें पीएनबी और...

More »

बैंकिंग व्यवस्था में सुधार जरूरी-- अश्विनी महाजन

पिछले दिनों खबर आयी कि बीते पांच साल के दौरान भारत में 23 हजार बैंक धोखाधड़ियां हुईं, जिसके चलते एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि फंस गयी है. निश्चित रूप से इसका असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और बैंकिंग व्यवस्था पर तो यह असर दिख भी रहा है. आज बैंक ही वित्तीय मध्यस्थता का स्रोत हैं. ऐसे लोग जिनके पास अतिरिक्त पैसा होता है, चाहे वे गृहस्थ हों,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close