धूमिल (9 नवंबर 1936-10 फरवरी 1975) ने लिखा था, 'भूख से रियाती हुई फैली हथेली का नाम दया है, और भूख में तनी मुट्ठी का नाम नक्सलबाड़ी है' (नक्सलबाड़ी कविता, संसद से सड़क तक, 1972 में संकलित). बाद में नागार्जुन ने अपनी एक कविता में यह सवाल किया, 'भुक्खड़ के हाथों में यह बंदूक कहां से आई?' भारतीय राजनीति पर फरवरी 1967 के लोकसभा चुनाव का रैडिकल प्रभाव पड़ा. पश्चिम...
More »SEARCH RESULT
मवेशी अर्थव्यवस्था पर असर-- रिचर्ड महापात्रा
पशु मंडियों से मवेशियों की खरीद-फरोख्त के बाद मांस के लिए उन्हें काटे जाने को लेकर केंद्र सरकार ने नये नियम बनाये हैं. मद्रास हाइकोर्ट ने सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके बाद इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गयी है. नियम-कानून होने चाहिए, लेकिन सवाल यह है कि नये कानून से मवेशी अर्थव्यवस्था (लाइवस्टॉक इकोनॉमी) पर क्या असर पड़ेगा? इसे समझना होगा, क्योंकि यह सच...
More »ग्राम सभा में उपस्थित नहीं हुए तो ग्रामीण को मृत घोषित कर दिया
कोतबा/जशपुर। पंचायत के द्वारा ग्राम सभा में उपस्थित नहीं होने पर ग्रामीण को पंचायत ने मृत घोषित कर उसे शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया है। सरपंच का कहना है कि ग्राम सभा में उपस्थित न होने के कारण उसे मृत घोषित किया गया। पत्थलगांव विकासखंड के पंचायत मयूरनाचा अंतर्गत ग्राम चौकीदारपारा निवासी नान साय और उसकी पत्नी बसंती उरांव को सिपर्ᆬ इसलिए पंचायत के दस्तावेजों में मृत घोषित...
More »जिन्हें वाकई जरूरत है, उन्हें कोई फायदा नहीं पहुंचाने वाला है योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार (चार अप्रैल) को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में सूबे के छोटे एवं सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया। इसके साथ ही 120 लाख टन गेहूं खरीद की जब घोषणा की तो इस फैसले का ज्यादातर लोगों ने स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूपी विधान सभा चुनाव से पहले किसानों की कर्जमाफी का वादा किया...
More »उर्वरक उत्पादन में साझेदारी से खुलते नए रास्ते-- अजीत रानाडे
भारत दुनिया का सबसे बड़ा रासायनिक खाद आयातक देश है। यह विभिन्न देशों से करीब एक करोड़ टन यूरिया का सालाना आयात करता है। यह मात्रा देश में यूरिया की कुल खपत की एक तिहाई है। यूरिया का मुख्य अवयव प्राकृतिक गैस है, और भारत में इसकी उपलब्धता कम है, इसलिए इसके बड़े पैमाने पर आयात व दूसरे देशों पर निर्भरता की स्थिति लगातार बनी हुई है। लगभग एक दशक पहले,...
More »