बेटर इंडिया, 13 जनवरी केरल के रहनेवाले सीसी कन्नन को बचपन से ही पौधे लगाने का बहुत शौक़ था। उन्होंने काफी छोटी उम्र से ही एर्नाकुलम में मौजूद अपने घर के चारों ओर फूल और सजावटी पौधे लगाने शुरू कर दिए थे और बचपन में शुरू हुआ पौधारोपण का वहा सिलसिला आज, 54 साल की उम्र तक कायम है। एक दिहाड़ी मजदूर कन्नन का कहना है, ”पौधे मुझे खुश रहने में मदद...
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हाशिए पर रखी गई भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और इसकी चुनौतियां!
गाँव सवेरा, 4 जनवरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी जटिल है। इसमें कृषि के साथ उद्योग और सेवाएं भी हैं। लेकिन वहां ज्यादातर गतिविधियां असंगठित क्षेत्र में होती हैं। इनमें शहरी इलाकों की तुलना में आमदनी कम होती है। यही कारण है कि देश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण होने के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान शहरी क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम है। रोजगार के पर्याप्त अवसर न होने के...
More »हाशिए पर रखी गई भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और इसकी चुनौतियां
रूरल वॉयस, 04 जनवरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी जटिल है। इसमें कृषि के साथ उद्योग और सेवाएं भी हैं। लेकिन वहां ज्यादातर गतिविधियां असंगठित क्षेत्र में होती हैं। इनमें शहरी इलाकों की तुलना में आमदनी कम होती है। यही कारण है कि देश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण होने के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान शहरी क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम है। रोजगार के पर्याप्त अवसर न होने के...
More »मनरेगा मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी,केंद्र सरकार पर राज्यों का 7500 करोड़ बकाया!
गाँव सवेरा, 30 दिसंबर मनरेगा मजदूरों की लंबित राशि का मुद्दा सामने आया है, जिसमें कई संगठनों ने केंद्र सरकार से बकाया भुगतान करने की मांग की. मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) संघर्ष मोर्चा ने केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल की 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की मनरेगा निधि रोकने का आरोप लगाया. नरेगा संघर्ष मोर्चा ने दावा किया कि राज्य में मनरेगा मजदूरों को पिछले साल दिसंबर...
More »क्यों की जा रही है गधों की हत्या, कितने जरूरी हैं हमारे लिए गधे
डाउन टू अर्थ, 30 दिसंबर हर शाम मोहम्मद इकबाल अपने गधे को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ले जाते हैं ताकि रेलवे ट्रैक की मरम्मत में इस्तेमाल होने वाली बजरी और रेत को ले जाने के लिए उसका प्रयोग हो सके। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शाहदरा जिले के निवासी इकबाल कुछ इसी तरह के काम के लिए ही अपने गधे को निर्माण स्थलों पर भी ले जाते हैं। वह कहते हैं,...
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