-कारवां, 1. शादाब आलम के लिए 24 फरवरी 2020 का दिन रोजमर्रे की तरह ही शुरू हुआ था. वह उत्तर दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद के अपने घर में, जहां वह पांच साल से भी ज्यादा वक्त से रह रहे थे, तड़के ही जग गए थे. तैयार होकर सुबह के 10 बजे वह स्मार्ट मेडिकल स्टोर के लिए रवाना हुए. वजीराबाद रोड पर वृजपुरी चौक के पास की इस दुकान में वह कई...
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अरुंधति रॉय: दो साजिशें और एक दाह संस्कार
-न्यूजलॉन्ड्री, जब दीवाली करीब आ रही है, और हिंदू लोग अपने राज्य में (और उस नए भव्य मंदिर में, जो अयोध्या में उनके लिए बनाया जा रहा है) भगवान राम की सफल वापसी का उत्सव मनाने की तैयारियां कर रहे हैं, हम बाक़ी लोगों को बस भारतीय लोकतंत्र की सिलसिलेवार सफलताओं के जश्न से ही तसल्ली करनी पड़ेगी. एक बेचैन कर देने वाले दाह संस्कार की, एक महान साजिश को दफनाने...
More »एमनेस्टी इंटरनेशनल: 15 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भारत सरकार की कार्रवाई की निंदा की
-द वायर, ह्यूमन राइट्स वाच सहित 15 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने एक संयुक्त बयान जारी कर एमनेस्टी इंटरनेशनल को भारत में अपना काम बंद करने के लिए मजबूर किए जाने की आलोचना की. लाइव लॉ के अनुसार, बयान में कहा गया, ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने घोषणा की कि वह देश में अपना काम रोक रही है, क्योंकि संगठन के मानवाधिकार कार्यों के लिए बदले की कार्रवाई में भारत सरकार ने उसके बैंक खातों को को फ्रीज...
More »“हालिया कृषि कानून देश के किसानों के साथ गद्दारी हैं,” किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी
-कारवां, हरियाणा और पंजाब के किसान संसद में पारित हुए तीन कृषि कानूनों (कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020) के खिलाफ आंदोलित हैं. हरियाणा में इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे हैं जो पिछले 30 सालों से हरियाणा में किसान आंदोलन...
More »जैविक खेतीः सामूहिक प्रयास ज्यादा मुनाफा
-इंडिया वाटर पोर्टल, देश में कृषि सुधार विधेयक पर जमकर घमासान मचा हुआ है। सरकार जहां इस विधेयक को ऐतिहासिक और किसानों के हक़ में बता रही है, वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी विधेयक बता कर इसका पुरज़ोर विरोध कर रहा है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद यह विधेयक अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जा चुका है, जिनकी सहमति के बाद विधेयक लागू हो...
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