-न्यूजक्लिक, अमीर देश जिनमें अमरीका, कनाडा, यूके तथा योरपीय यूनियन शामिल हैं, जहां दुनिया की कुल आबादी का आठवां हिस्सा रहता है, उन्होंने दुनिया की 50 फीसद से ज्यादा खुराकें हथिया ली हैं। अकेले अमरीका ने ही 14.7 करोड़ टीके हथिया लिए हैं। (देखें, तालिका-1) यह समूचे अफ्रीकी महाद्वीप, जिसकी आबादी अमरीका से चार गुनी ज्यादा है, को मिले टीकों से 14 गुनी से भी ऊपर है। वास्तव में अगर अफ्रीका के...
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उत्तराखंड में क्यों धधक रहे हैं जंगल? सारे सवालों के जवाब जानिए
-बीबीसी, उत्तराखंड वन विभाग के अनुसार सोमवार, 5 अप्रैल को प्रदेश के जंगलों में 45 जगह आग लगी हुई है और इससे 68.7 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. एक अक्टूबर, 2020 से अब तक जंगलों में आग के 667 मामले दर्ज किए गए हैं और इससे 1359.83 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. उत्तराखंड के जंगलों में आग हर साल आने वाली ऐसी आपदा है जिसमें इंसानी दखल मुख्य कारण माना जाता है. हर साल...
More »UNU-INWEH रिपोर्ट: बूढ़े हो रहे बड़े बांधों का तीव्रता से निपटान करने के लिए प्रोटोकॉल जारी करने की जरूरत!
बड़े बांध जो पर्यावरणीय क्षति और बड़े पैमाने पर विस्थापन का कारण बने हैं, उनका भारत में नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA), नेशनल अलायंस ऑफ़ पीपुल्स मूवमेंट (NAPM) और पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) जैसे नागरिक समाज संगठनों (CSO) द्वारा विरोध किया गया है. संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय के कनाडा स्थित इंस्टीट्यूट फॉर वॉटर, एनवायरनमेंट एंड हेल्थ के साथ-साथ अन्य साथी संगठनों द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन से पता...
More »किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: क्या सरकार ने किया ओवररिएक्ट
-आउटलुक, किसानों के विरोध प्रदर्शन पर पॉप आइकॉन रिहाना और जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट का जवाब देकर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा तिल का ताड़ बनाना संतोषजनक नहीं है। वहीं सरकार गुरुवार को एक कदम और आगे बढ़ गई। दिल्ली पुलिस ने स्वीडिश किशोरी के खिलाफ "आपराधिक साजिश और धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने" का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की। हालांकि, दिल्ली...
More »जलवायु संकट पर बात करनी होगी, वरना गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहिए
लंदन स्थित एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनक्रिश्चियन एड की एक हालिया रिपोर्ट का कहना है कि 2020 में दुनिया पर सिर्फ COVID-19 महामारी की मार ही नहीं पड़ी थी, बल्कि वास्तव में उसे जलवायु संकट के तीव्रीकरण के कारण जीवन और आजीविका के बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना भी करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में आग, चीन, भारत और जापान में बाढ़, यूरोप और अमेरिका में तूफान...
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