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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल महीने में 20 करोड़ लोगों को राशन नहीं मिला

-द वायर, कोरोना वायरस महामारी के चलते उत्पन्न हुई समस्या से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने मार्च के आखिरी हफ्ते में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजेकेएवाई) लॉन्च किया था. इसके तहत लोगों को आर्थिक सहायता और हर पात्र व्यक्ति को तीन महीने (अप्रैल-जून) के लिए पांच किलो अतिरिक्त अनाज दिया जाना था. हालांकि आलम ये है कि अप्रैल महीने में करीब 20 करोड़ लोगों को अतिरिक्त राशन...

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लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के सामने खाने का संकट, मानवाधिकार संगठनों ने मांगा सबके लिए मुफ्त राशन

-गांव कनेक्शन,  "हम अगले 20 दिन क्या, 50 दिन भी यहीं रूक जाएं, लेकिन हमें खाने के लिए राशन-पानी तो मिले," लॉकडाउन बढ़ने के सवाल पर हेमंत पोद्दार कहते हैं। हेमंत (30 वर्ष) बिहार के कटिहार जिले के निवासी हैं और मुंबई के बांद्रा इलाके में रहकर निर्माण मजदूर का काम करते हैं। उनके साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लगभग 600 मजदूर उनके इलाके में रहते हैं, जिसका...

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छत्तीसगढ़ सरकार 20 लाख किसानों को देगी नकद सहायता

-इंडिया टूडे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना की महामारी और लॉकडाउन की वजह से लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं. राज्य के 56 लाख परिवारों को दो महीने का राशन मुफ्त देने के अलावा बिना राशन कार्ड वालों को एक महीने का राशन दिया गया है. सबसे बढ़कर मुख्यमंत्री बघेल राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 20 लाख किसानों को...

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कोविड-19 संकट के बीच मजदूरों को आर्थिक सहयोग देने की वित्तीय क्षमता रखती है भारत सरकार

-द प्रिंट,  कोरोनावायरस केंद्र और राज्य सरकारों के लिए नई चुनौती बन कर सामने आया है. इसके मद्देनजर अर्थशास्त्रियों ने भी सरकार के सामने कई तरह के सुझाव रखे हैं. आर्थिक विशेषज्ञों ने एक बात स्पष्टता से रखी है- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित सहयोग पैकेज कामगार जनता को भूख से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आगे बहुत छोटा है. यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई), अन्न...

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कोरोना संकट में दिखा गरीबी का नया मानचित्र

-इंडिया टूडे, कोरोना संकट ने सचमुच गरीबी का नया मानचित्र दिखाया है. इस मानचित्र में ऐसे गरीब ज्यादा हैं जो रोज न कमाएं तो उनके लिए पेट की भूख को शांत करना मुश्किल है. सरकारी स्तर पर बांटे जा रहे राशन और फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसे गरीबों की भी तादाद बड़ी है जो रोज न कमाएं तो उन्हें परिवार के साथ भूखे पेट ही...

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