मोंगाबे हिंदी, 16 जनवरी ओडिशा को भले ही अक्षय ऊर्जा की उच्च क्षमता वाला राज्य नहीं माना जाता हो, लेकिन राज्य सरकार अपनी नई ऊर्जा नीति के साथ इसी तरफ बढ़ती नज़र आ रही है। अपनी नई अक्षय ऊर्जा नीति – राज्य अक्षय ऊर्जा नीति 2022 – के जरिए सरकार स्पष्ट तौर पर राज्य के भीतर स्वच्छ ऊर्जा विकास को प्रोत्साहित करने और उस पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। राज्य...
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सरकार के इस नायाब तरीके से गरीबी मुक्त भारत जल्द
डाउन टू अर्थ, 10 जनवरी खिरकार इस साल भारत के पास गरीबी का अपना आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध होगा। दरअसल, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) वर्तमान में उपभोग व्यय नमूना सर्वेक्षण कर रहा है, जिसका उपयोग गरीबी के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। सर्वेक्षण इस साल जुलाई तक जारी रहेगा और इसके प्रारंभिक परिणाम साल के अंत तक आने की संभावना है। दिल्ली में सत्ता के गलियारों में अधिकारियों के...
More »दुनिया में मलेरिया कितना बड़ा खतरा है ?
सन् 1799 की बात है। चौथे आंग्ल–मैसूर युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने टीपू सुल्तान को हरा दिया। हार के बाद राजधानी श्रीरंगापट्टनम पर विलायती सेना का कब्जा हो गया, सैनिक श्रीरंगापट्टनम के किले में बस गए। लेकिन कुछ वक्त बाद वहां पर सिपाही बीमार पड़ने लगते हैं। बीमारी के डर से राजधानी को बैंगलोर ले जाया जाता है फिर भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। बीमारी का...
More »CMIE रिपोर्ट: बेरोजगारी में फिर पहले नंबर पर रहा हरियाणा, विपक्ष ने साधा निशाना!
गाँव सवेरा, 4 जनवरी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़ों में हरियाणा फिर से पहले स्थान पर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर के महीने में हरियाणा में बेरोजगारी की उच्चतम दर 37.4% रही, इसके बाद राजस्थान में 28.5 प्रतिशत, दिल्ली में 20.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर्ज रही. वहीं बिहार में 19.1 प्रतिशत और झारखंड 18 प्रतिशत बेरोजगारी दर दर्ज की गई. बेरोजगारी के...
More »ग्राउंड रिपोर्ट, सरकारी राशन का सच: राशन कार्ड है पर फिर भी नहीं मिल रहा पूरा राशन
डाउन टू अर्थ, 3 जनवरी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत एक निश्चित आबादी को खाद्य सुरक्षा का अधिकार दिया गया है, लेकिन यह अधिकार क्या वाकई हकदार तक पहुंच रहा है। डाउन टू अर्थ की इस खास सीरीज में यही जानने की कोशिश की जा रही है। अब तक आप जमीनी सच्चाई कहती चार कड़ियां पढ़ चुके हैं। पहली कड़ी - ग्राउंड रिपोर्ट, सरकारी राशन का सच: सात साल से...
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