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आर्थिक सुधारों के दौर में- तवलीन सिंह

पच्चीस साल पहले लाइसेंस राज को समाप्त करने का पहला कदम उठाया था प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने। अफसोस कि जिस तरह नरसिंह राव को भुलाने का काम किया है कांग्रेस पार्टी ने, उसी तरह देशवासियों ने भुला दिया है वह दौर, जो कायम था लाइसेंस राज के समाप्त होने से पहले। नई पीढ़ी के भारतीय तो कल्पना भी शायद नहीं कर सकते उस भारत की, जिसमें तकरीबन हर भारतवासी की...

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समझ, संकल्प और इच्छाशक्ति का अकाल : योगेन्द्र यादव

वो गांव गये थे..दावा है कि गांव-गांव यात्रा किये हैं..खेत-खेत, आरी-डरेड़ा सब जगह घूमें। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि देश सूखे से बेहाल और सरकार दो साल के जश्न में निहाल है। उनका दावा है कि अभी दिल दिमाग जाग्रत है माने नहीं सूखा..भले ही खेत सूख गये हों..किसान बदहाल हो..आत्महत्या कर रहा हो। जी हां मैं बात कर रहा हूं स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और उनके साथियों की...

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तानाशाही नेतृत्व, खैरात की राजनीति-- राजदीप सरदेसाई

बाहर से देखने पर जयललिता और ममता बनर्जी एक-दूसरे से उतनी ही भिन्न हैं, जितना इडली सांभर, माछेर झोल से। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पोएस गार्डन की स्वयंभू साम्राज्ञी हैं। पहुंच से दूर ऐसी शख्सियत, जो राजसी ठाठ-बाट से रहती हैं। इसके ठीक विपरीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सलवटों वाली साड़ी और चप्पलों में खुद को लोक नायिका के रूप में पेश करना पसंद करती हैं और सड़क पर संघर्ष करने...

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संवेदनशील बने मुआवजे का तंत्र- योगेन्द्र यादव

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में किसान ओलावृष्टि का मुआवजा मांगने कलेक्टर के पास गए। मुआवजे के बदले उन्हें मिली गालियां और गिरफ्तारी की धमकियां। इसमें कुछ नई बात नहीं है। किसानों को आए दिन सरकारी दफ्तरों में अपमान झेलना पड़ता है। नई बात सिर्फ यह थी कि इस घटना का वीडियो बना और टी.वी. पर चल गया। इस बहाने देश का ध्यान रबी की फसल के नुकसान और मुआवजे की...

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कमाई के कंगूरे और गरीबी का गर्त- धर्मेन्द्र पाल सिंह

स्विट्जरलैंड के बर्फीले नगर दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक की पूर्व संध्या पर ब्रिटेन की संस्था ऑक्सफाम ने एक रिपोर्ट जारी की, जिससे पूरी दुनिया में हंगामा मच गया। ‘एन इकोनॉमी फॉर दी 1%' नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आज महज बासठ खरबपतियों की संपत्ति 17.6 खरब डॉलर (1187.64 खरब रुपए) है, जो विश्व की आधी आबादी की दौलत के बराबर है। एक प्रतिशत अमीरों...

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