असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सामने आने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या एक बार फिर सुर्खियों में है। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं कि असम के मूल निवासी दशकों से इस समस्या से जूझ रहे हैं। मैं भारतीय पुलिस सेवा में रहा हूं और अपने इस सेवाकाल के दौरान मुझे असम के लोगों द्वारा घुसपैठियों के खिलाफ संघर्ष को करीब से देखने का मौका...
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भूख से मरी बच्चियों की याद में--- शशिशेखर
शिखा, मानसी और पारुल के नाम आजाद भारत का इतिहास यकीनन अपने पन्नों में दर्ज नहीं करेगा। उसे सिर्फ नायकों, खलनायकों और विदूषकों का लेखा-जोखा रखने की बुरी आदत है। आप सोच रहे होंगे कि रविवार की सुबह मैं किन लोगों की राम कहानी लेकर बैठ गया। बता दूं, दिल्ली के मंडावली इलाके में ये तीन बच्चियां इस बीतते हफ्ते की शुरुआत में अचानक दम तोड़ गईं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता...
More »मानव तस्करी को रोकना जरूरी-- क्रेग एल हॉल
क्तियों की तस्करी, जिसे मानव तस्करी या आधुनिक गुलामी के रूप में भी जाना जाता है, एक छिपा हुआ अपराध है, जो किसी सीमा का लिहाज नहीं करता और दुनियाभर के देशों में सभी पृष्ठभूमि के लोगों को प्रभावित करता है. भारत और अमेरिका ने व्यक्तियों, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों की तस्करी को प्रतिबंधित, दमित और दंडित करने के प्रोटोकॉल को, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के...
More »चंपारण से निकला रास्ता- राजू पांडेय
चंपारण सत्याग्रह नील की खेती करने वाले किसानों के अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष के रूप में विख्यात है। इसके एक सदी बाद भी देश का किसान बदहाल है। 2010-11 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत हैं जबकि 17.93 प्रतिशत कृषक परिवार लघु की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने संसद को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण द्वारा जुलाई 2012 से जून 2013 के संदर्भ में संकलित...
More »आंबेडकर विचार भी, प्रेरणाशक्ति भी-- बद्री नारायण
तीकों में प्रेरणा शक्ति निहित रहती है। यह शक्ति ही प्रतीकों को प्रासंगिक बनाती है। डॉ भीमराव आंबेडकर का प्रतीक अपनी इसी शक्ति के कारण लगातार प्रासंगिक होता गया है। दलित सामाजिक समूह ने इसी शक्ति की प्रेरणा से न सिर्फ सामाजिक सत्ता से वाद-विवाद और संवाद करना सीखा है, बल्कि राजनीतिक सत्ता में अपनी भूमिका बनाने की प्रेरणा भी उन्हें इसी से मिली है। आंबेडकर के प्रतीक ने शायद...
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