भागलपुर : अब वह दिन दूर नहीं जब जिले के किसान नागपुर के किसानों की तरह ही नारंगी की खेती करेंगे. बिहार कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान-फल विभाग के वैज्ञानिक नारंगी के पौधों पर पिछले आठ माह से शोध कर रहे हैं. फिलहाल नागपुर से 156 पौधे लाकर लगाये गये हैं. तीन साल बाद विवि द्वारा किसानों को नारंगी का पौधा उपलब्ध करा दिया जायेगा. यहां का भी मौसम नारंगी की...
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कौन ठगवा जमीनिया लूटे हो...
जैसा कि एक प्रसिद्ध रिपोर्ट एवरी थर्टी मिनटस्- फार्मर्स स्यूसाईडस्, ह्यूमन राईटस् एंड द एग्रीगेरियन क्राईसिस इन इंडिया के शीर्षक से जाहिर है- भारत में खेतिहर-संकट के कारण हर तीसवें मिनट पर एक किसान आत्महत्या को मजबूर है। उड़ीसा में बोलंगीर जिले के पटनागढ़ प्रखंड के गांव घूमर में गुजरे सितंबर महीने में एक किसान लिंगराज साहू की मौत हुई। क्या लिंगराज साहू की मौत को कोई रिपोर्ट आत्महत्या की श्रेणी में गिन सकती है? लिंगराज साहू...
More »जीन का जिन्न-- देविंदर शर्मा
एक बार जीन बाहर आ जाए तो इसे रोकने का कोई रास्ता नहीं है. इसका लंबे समय से डर था. सामाजिक कार्यकर्ता और सजग वैज्ञानिक इसकी चेतावनी दे चुके थे, किंतु सरकार ने आंखें मूंदे रखीं. अब डर सच साबित हो चुका है. इसने पर्यावरण प्रदूषण के एक और विनाशकारी रूप-जीन प्रदूषण पर चिंता बढ़ा दी है. जीएम धान दिल्ली के एक अनुसंधान संगठन 'जीन कैंपेन' ने पता लगाया है कि बीज कंपनी...
More »कहीं विलुप्त ना हो जाए आदिवासी संस्कृति
नई दिल्ली। अरविंद जयतिलक संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट आफ द वर्ल्ड्स इंडीजीनस पीपुल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातिया पूरे विश्व में अपनी संपदा, संसाधन और जमीन से वंचित व विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के झारखंड राज्य की चर्चा करते हुए कहा गया है कि यहा चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारों परिवारों को आज...
More »औषधीय फल खरीदेगी सरकार
शिमला.प्रदेश सरकार किसानों से औषधियों की खरीद करेगी। इसके लिए कृषि विभाग ने 37 औषधीय और सुगंधित पौधों की प्रजातियां घोषित की है। मेडिसन प्लॉट बोर्ड किसानों के खेत से औषधीय उत्पाद को खरीद कर बाजार में ले जाएगा। दाम प्राप्त करने के लिए किसानों को कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। बदहाली से गुजर रहे किसान को सहारा देने के लिए सरकार ने औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। अभी...
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