-न्यूजलॉन्ड्री, कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में जिस तरह से पूर्ण या आंशिक रूप से स्कूल बंद करने पड़े हैं उससे दुनिया भर में करीब 63.5 करोड़ बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है. यह जानकारी हाल ही में यूनिसेफ द्वारा साझा नवीनतम आंकड़ों में सामने आई है. गौरतलब है कि पिछले करीब दो वर्षों से महामारी के कारण शिक्षा प्रभावित रही है. इन व्यवधानों से बच्चों में बुनियादी जोड़-घटा और पढ़ने-लिखने के कौशल पर असर पड़ा...
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बजट 2022 : शिक्षा व्यय बढ़ा, स्कूल फिर से खोलने में समग्र शिक्षा योजना अहम
-इंडियास्पेंड, कोविड-19 महामारी की वजह से लगातार 2 साल तक बंद रहने के बाद एक बार फिर से स्कूल खुलने को तैयार हैं, केन्द्र सरकार ने भी अहम शैक्षिक कार्यक्रम समग्र शिक्षा के लिए साल 2022-23 में साल 2021-22 के मुकाबले बजट में 20% की वृद्धि की है। पहले जहां ये ₹31,050 करोड़ का था वहीं अब यह ₹37,383 का हो गया है। हमारा विश्लेषण बताता है कि चूंकि इस कार्यक्रम के तहत...
More »गांव-देहात के हिसाब से इस बजट में क्या है?
-गांव सवेरा, • ‘उर्वरक सब्सिडी’ पर खर्च साल 2021-22 (R.E) में 1,40,122 करोड़ रुपए से घटाकर 2022-23 (B.E.) में 1,05,222 करोड़ रुपए कर दिया गया है. उर्वरक सब्सिडी पर बजटीय आवंटन साल 2021-22 (B.E.) में 79,530 करोड़ रुपए था. 2021-22 में उर्वरक सब्सिडी पर खर्च के बजट अनुमान और संसोधित अनुमान के बीच बड़ा अंतर उर्वरकों की कीमत और इनपुट लागत में वृद्धि के कारण हुआ है. • कुल बजटीय खर्च के अनुपात के रूप में उर्वरक सब्सिडी 2021-22 (B.E.) में 2.28 प्रतिशत थी, जो 2022-23 (B.E.) में मामूली रूप से बढ़कर 2.67 प्रतिशत...
More »दलित-आदिवासियों को 2022-23 के आम बजट में क्या मिला?
-डाउन टू अर्थ, केंद्र सरकार ने विशेष योजना घटक (एससीपी) के तहत अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजाति उपयोजना (टीएसपी) के तहत आदिवासी समुदाय (एसटी) के लिए जो बजट आवंटित किया है, उस पर दलित आदिवासी शक्ति अधिकार मंच (दशम) ने कई सवाल खड़े किए हैं। दशम ने 2 फरवरी को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि दलित आदिवासियों के लिए आवंटित बजट का लाभ इन वर्गों के बजाय कंपनियों...
More »क्या मतदान का अधिकार राजनीतिक व्यवहार को प्रभावित करता है? भारत से ऐतिहासिक साक्ष्य
-गांव सवेरा, लोकतंत्र को लंबे समय से बेहतर आर्थिक विकास परिणामों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नागरिकों को मतदान का अधिकार देना, राजनीतिक भागीदारी या प्रतियोगिता को प्रभावी बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है या नहीं। एक नए प्रयोग के तहत 1921-1957 के दौरान जिला-स्तरीय डेटासेट को आधार बनाते हुए यह लेख इस बात की जाँच करता है कि भारत में किस...
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